हैदराबाद: तेलंगाना उच्च न्यायालय ने छह साल की एक बच्ची के साथ बलात्कार एवं उसकी हत्या के मामले के आरोपी पी राजू द्वारा कथित रूप से आत्महत्या कर लेने की न्यायिक जांच का शुक्रवार को आदेश दिया.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति टी अमरनाथ गौड़ की पीठ तेलंगाना सिविल लिबर्टीज (सीएलसी) के अध्यक्ष गद्दाम की याचिका पर यह आदेश दिया. पीठ याचिका पर तात्कालिकता के आधार सुनवाई कर रही है जिसमें इस मौत की न्यायिक जांच की मांग की गयी है.
पीठ ने वारंगल की एक अदालत को इस घटना की जांच करने और चार सप्ताह में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया.
अदालत ने राज्य सरकार को भी मृतक के शव के पोस्टमार्टम का वीडियो वारंगल के प्रधान जिला न्यायाधीश को सौंपने का निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता ने मृतक के रिश्तेदार को 50 लाख रूपये का मुआवजा देने का भी अनुरोध किया है.
राजू की मौत से दो दिन पहले तेलंगाना के श्रम मंत्री सी मल्ला रेड्डी ने कहा था कि इस मामले में आरोपी को पकड़ा जाएगा और उसके साथ ‘मुठभेड़’ होनी चाहिए.
आरोपी के परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि संभवत: उसकी हत्या कर दी गयी है. हालांकि पुलिस ने कहा कि यह आत्महत्या थी.
नौ सितंबर की शाम यहां सैदाबाद में बच्ची का कथित तौर पर बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी गयी थी. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए थे. उन्होंने दोषी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किए जाने की मांग की थी.
इस बीच तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक एम महेंद्र रेड्डी ने संवाददाता सम्मेलन में इस आत्महत्या को राज्य सरकार की मनगढंत कहानी करार देने के आरोप का खंडन करते हुए कहा, ‘सात गवाह हैं जिनके बयान दर्ज किये गये हैं. हम और किसी सबूत की जरूरत नहीं है. झूठ बोलने की जरूरत ही नहीं है. इस घटना के बारे में लोगों के दिमाग में झूठी धारणा पेदा करना सही नहीं है.’