नई दिल्ली: मशहूर लेखिका गीता मेहता के पद्म सम्मान लेने से इनकार के बाद अब एक बार फिर राष्ट्रीय सम्मान के वापस किए जाने की होड़ लगने वाली है. पिछले दिनों भारत सरकार ने नॉर्थ ईस्ट की आवाज रहे, गंगा पुत्र भूपेन हज़ारिका को सर्वोच्च सम्मान से नवाजा, लेकिन अब खबर आ रही है कि उनके पुत्र तेज हज़ारिका ने सम्मान लेने से इनकार कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि भूपेन हज़ारिका के बेटे ने सम्मान लेने से इनकार कर दिया है लेकिन तेज हजारिका जो पिता के नाम से एक फाउंडेशन चला रहे हैं उन्होंने अपने लंबे चौड़े पोस्ट में साफ लिखा है कि अभी तक उनके पिता को सर्वोच्च सम्मान से नवाज़ा गया है इसकी कोई सूचना नहीं मिली है और इसको लेकर कोई निमंत्रण भी नहीं मिला है. वहीं भूपेन के भाई समर हज़ारिका ने कहा है कि सम्मान मिलने में देरी हुई है लेकिन ये देश का सर्वोच्च सम्मान है. और यह तेज का फैसला है हमारा नहीं.
उन्होंने अपने पोस्ट के आखिरी पाराग्राफ में लिखा है कि कई पत्रकार मुझसे पूछ रहे हैं कि मैं अपने पिता को दिए गए भारत रत्न को स्वीकार करूंगा या नहीं? मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मुझे अभी तक सरकार की तरफ से कोई निमंत्रण नहीं मिला है तो इसे स्वीकार या फिर अस्वीकार करने जैसा कुछ है ही नहीं. वहीं दूसरी तरफ उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा है कि सरकार ने सम्मानित करने का जो समय चुना है और जल्दबाजी दिखाई है, यह महज लोकप्रियता का सस्ता और साधारण तरीका है.
वैसे यहां यह लिख देना जरूरी है कि पूरी पोस्ट में नीचे लिखा गया है तेज हज़ारिका. लेकिन यह पोस्ट वैरिफाइड नहीं है. तेज ने कई भारतीय मीडिया चैनलों से बातचीत कर यह स्वीकार किया है कि भारत रत्न देने के समय पर सवाल ‘मैंने भारत रत्न देने को ‘चीप थ्रिल’ नहीं करार दिया है, बल्कि यह जिस समय दिया जा रहा है, उस पर सवाल खड़े किए हैं. ऐसे समय में जब पूर्वोत्तर के लोग नागरिकता (संशोधन) विधेयक के विरोध में सड़कों पर है, उनके ‘हीरो’ को भारत रत्न देना सवाल खड़े करता है.’
वहीं इस पोस्ट में आगे लिखा है कि वह अपने पिता को दिया गया भारत रत्व तभी स्वीकार करेंगे जब केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक को वापस लेगी. बता दें कि उन्होंने लिखा है कि मैं भूपेन हज़ारिका का बेटे होने के नाते यह कहना चाहता हूं कि मेरे पिता का नाम ऐसे समय इस्तेमाल किया गया जब नागरिकता विधेयक जैसे विवादित बिल को अलोकतांत्रिक तरीके से लाने की तैयारी की जा रही है.
वहीं नवभारत टाइम्स की खबर के अनुसार भारतरत्न दिए जाने के मामले में परिवार दो धड़ों में बंटा हुआ है. भूपेन के छोटे भाई समर हजारिका और मनीषा हज़ारिका का हवाला देते हुए नवभारत टाइम्स ने लिखा है कि उनका मानना है कि भारत रत्न का अपमान नहीं करना चाहिए.
वहीं समर हज़ारिका ने अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि 25 तारीख को जबसे भूपेन हज़ारिका के सम्मान की घोषणा हुई है तब से उनके बेटे तेज से उनकी कोई बात नहीं हुई है. लेकिन उन्हें आज पता चला कि उसने सम्मान लेने से इनकार कर दिया है, यह उसका निर्णय है हमारा नहीं. हां मैं यह जरूर कहना चाहता हूं कि भूपेन दा को सम्मान देने में सरकार ने बहुत देरी कर दी है.