पालघर, 30 जनवरी (भाषा) दिल्ली में पढ़ाई को लेकर माता-पिता द्वारा दबाव बनाने के कारण अपना घर छोड़ने वाली 14 वर्षीय एक किशोरी यहां महाराष्ट्र में एक ऑटोरिक्शा चालक की मदद से दोबारा अपने परिवार से मिल पाई है। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
मानिकपुर थाने के वरिष्ठ निरीक्षक भाऊसाहेब के अहीर के मुताबिक शनिवार सुबह ऑटो रिक्शा चालक राजू करवड़े (35) यहां वसई स्टेशन के बाहर यात्रियों का इंतजार कर रहा था, तभी एक लड़की उसके पास पहुंची और पूछा कि क्या उसे इलाके में रहने के लिए कमरा मिल सकता है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि संदेह होने पर चालक ने किशोरी का पहचान पत्र देखा और उसके बारे में पूछताछ की। किशोरी ने ऑटोरिक्शा चालक को बताया कि वह नयी दिल्ली की रहने वाली है और यहां अकेली आई है। ऑटोरिक्शा चालक ने तुरंत यातायात पुलिस के एक अधिकारी को इसकी सूचना दी और फिर लड़की को मानिकपुर पुलिस थाने ले गया।
किशोरी ने पुलिस को बताया कि वह नयी दिल्ली के पुष्प विहार की रहने वाली है और शुक्रवार को घर से भाग गई थी क्योंकि उसकी मां उस पर पढ़ाई पर ध्यान देने का दबाव बना रही थी।
पालघर पुलिस ने दिल्ली के साकेत थाने से संपर्क किया, जहां लड़की के माता-पिता ने पहले ही अपहरण के आरोप में मामला दर्ज कराया था। बाद में पुलिस ने लड़की के माता-पिता को उसके ठिकाने की जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि इसके बाद लड़की के माता-पिता विमान से वसई पहुंचे जहां शनिवार देर शाम वे अपनी बेटी से मिल पाये। ऑटो रिक्शा चालक की सतर्कता और समझदारी के लिए उसे सम्मानित किया गया।
भाषा रवि कांत राजकुमार
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