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Sunday, 5 May, 2024
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तकनीकी खराबी हुई ठीक, चंद्रयान-2 का काउंटडाउन रविवार शाम फिर होगा शुरू

इससे पहले 15 जुलाई को इसका प्रक्षेपण किया जाना था लेकिन लॉन्चिंग से करीब एक घंटा पहले इसमें तकनीकी खराबी का पता लगने के बाद लॉन्चिंग रोक दी गई थी.

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नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के सिवन ने कहा है कि भारत के दूसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान-2 की सोमवार को होने वाली लॉन्चिंग की उल्टी गिनती रविवार शाम को 6.43 बजे शुरू होगी. इससे पहले 15 जुलाई को इसका प्रक्षेपण किया जाना था लेकिन लॉन्चिंग से करीब एक घंटा पहले इसमें तकनीकी खराबी का पता लगने के बाद लॉन्चिंग रोक दी गई थी.

छात्र हुए थे निराश

चंद्रयान-2 की लांचिंग टलने पर देश-दुनिया के लोगों के साथ उन छात्रों को भी काफी निराशा हुई जो इसके प्रक्षेपण को देखने के लिए यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में एकत्रित हुए थे. इसकी लांचिंग को तकनीकी खराबी के कारण टाल दिया गया है. छात्रों को अगली कोशिश में इसे देखने की उम्मीद है. इसरो ने इसे प्रक्षेपण से 2 मिनट पहले टाल दिया. सोमवार को 2.51 बजे इसके उड़ान भरने की घोषणा की गई थी.

हालांकि, छात्रों ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की बेहतरी की कामना की और अपने अगले प्रयास में सफलता होनो की उम्मीद जताई.

बता दें कि इस साल के शुरुआत में, अंतरिक्ष विज्ञान निकाय ने अपने आंध्र प्रदेश केंद्र से होने वाले लॉन्च को देखने के लिए इजाजत दे दी थी. लॉन्च की एक झलक पाने के लिए विभिन्न स्कूलों के छात्र अपने शिक्षकों के साथ यहां एकत्रित हुए थे.

वहीं देसी तकनीक पर विकसित लॉन्चर रॉकेट -जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क 3 (जीएसएलवी एमके-3) सुबह 2:51 बजे लॉन्च के लिए निर्धारित था. यह चंद्रमा के उस एक क्षेत्र का पता लगाएगा, जहां किसी भी मिशन ने कभी पैर नहीं रखा है.

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15 जुलाई को होनी थी लांचिंग

वहीं इससे पहले चंद्रयान-2 को ले जाने वाले भारत के भारी रॉकेट की 15 जुलाई को तड़के लांचिंग की उल्टी गिनती रविवार सुबह 6.51 बजे शुरू हो गई थी. लेकिन तकनीकी खामी पाये जान के कारण लांचिंग टाल दी गई थी. लगभग 44 मीटर लंबा 640 टन का जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हीकल-मार्क तृतीय (जीएसएलवी-एमके तृतीय) है. रॉकेट में 3.8 टन का चंद्रयान अंतरिक्ष यान है. रॉकेट को ‘बाहुबली’ उपनाम दिया गया है.

अपनी उड़ान के लगभग 16 मिनट बाद 375 करोड़ रुपये का जीएसएलवी-मार्क 3 रॉकेट 603 करोड़ रुपये के चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी पार्किंग में 170 गुणा 40400 किलीमीटर की कक्षा में रखेगा.

धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी लगभग 3.844 किलोमीटर है.

 

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