अगरतला, 24 अगस्त (भाषा) त्रिपुरा टीईटी शिक्षक कल्याण संघ (टीटीटीडब्ल्यूए) ने राज्य कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों को तत्काल लागू करने की मांग की। केंद्र सरकार, जनवरी 2026 से आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर सकती है।
संघ के सचिव अजय पॉल ने शनिवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “राज्य सरकार के लगभग 1.40 लाख कर्मचारी सातवें वेतन आयोग के लाभों से वंचित हैं क्योंकि त्रिपुरा में किसी भी सरकार ने इन सिफारिशों को पूरी तरह से लागू नहीं किया है।”
उन्होंने याद दिलाया कि 1988 में तत्कालीन मुख्यमंत्री सुधीर रंजन मजूमदार ने ही राज्य कर्मचारियों के लिए चौथे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की थीं।
पॉल ने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान में राज्य सरकार के कर्मचारियों को केवल 33 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) मिलता है जबकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 55 प्रतिशत मिलता है।
उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल, मणिपुर और त्रिपुरा जैसे कुछ राज्यों को छोड़कर लगभग सभी राज्य सरकारें कर्मचारियों को 55 प्रतिशत डीए प्रदान कर रही हैं। पॉल ने चेतावनी देते हुए कहा, “हम मुख्यमंत्री माणिक साहा से सरकारी कर्मचारियों के साथ न्याय करने के लिए 31 अक्टूबर तक लंबित 22 प्रतिशत डीए जारी करने का आग्रह करते हैं। अगर अगले दो महीनों के भीतर लंबित डीए जारी नहीं किया गया, तो सरकार केंद्र के समक्ष अपने प्रतिबद्ध व्यय को प्रदर्शित नहीं कर पाएगी, जिसके परिणामस्वरूप कर्मचारियों को लाभ से और अधिक वंचित होना पड़ेगा। ”
पॉल ने पांच साल के निश्चित वेतन पर टीईटी शिक्षकों की नियुक्ति को समाप्त करने की भी मांग की।
उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य में 2017 से टीईटी शिक्षकों को पांच साल के लिए निश्चित वेतन के आधार पर नियुक्त किया जा रहा है, जो देश में कहीं और लागू नहीं है। हमने इस नीति को वापस लेने के लिए मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।”
भाषा जितेंद्र प्रशांत
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