अमरावती, 26 मार्च (भाषा) तेलुगु देशम पार्टी (तेदपा) ने शनिवार को केंद्र से संविधान के अनुच्छेद-360 के तहत आंध्र प्रदेश में ‘वित्तीय आपातकाल’ लगाने की मांग की ताकि वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार के ‘कुप्रबंधन’ से राज्य की रक्षा की जा सके।
कांग्रेस ने भी राज्य में वित्तीय आपातकाल लागू करने की मांग की है। तेदपा यह भी चाहती है कि केंद्र सरकार गत एक साल में राज्य सरकार द्वारा 48 हजार करोड़ रुपये के जनता के धन में की गई कथित अनियमितता की सीबीआई से जांच कराए।
आंध्र प्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष यनमाला रामकृष्णुडु ने कहा, ‘‘ केंद्र को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए और आंध्र प्रदेश, इसकी संपत्ति और लोगों की रक्षा को लेकर अनुच्छेद-360 के तहत वित्तीय आपातकाल लगाना चाहिए। जगन सरकार ने राज्य को वित्तीय अराजकता में धकेल दिया है जो बड़े सकंट की ओर बढ़ रहा है।’’
‘‘विशेष बिल’’ के जरिये वित्तीय हस्तांतरण का संदर्भ देते हुए पूर्व वित्तमंत्री ने सवाल किया, ‘‘ किस की जेब में 48,284 करोड़ रुपये गए।’’
यनमाला ने भारत के महानियंत्रक और लेखापरीक्षक (कैग) की राज्य की वित्तीय स्थिति पर तैयार नवीनतम रिपोर्ट पर की गई टिप्पणी को रेखांकित किया जिसमें कहा गया कि वित्तीय नियमावली में ‘ विशेष बिल’’ का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि यह और कुछ नहीं, गबन है।
उन्होंने हवाला दिया कि बिहार के चारा घोटाले की सीबीआई जांच कैग की रिपोर्ट के आधार पर की गई थी। कांग्रेस की आंध्र प्रदेश इकाई के अध्यक्ष एन तुलसी रेड्डी ने भी यहां जारी बयान में राज्य में वित्तीय आपातकाल लगाने की मांग की।
भाषा धीरज पवनेश
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