चेन्नई, 24 मार्च (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने श्रीलंकाई नागरिकों के अचानक राज्य आने को संज्ञान में लेते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इस मुद्दे को कानूनी रूप से कैसे संभालना है, इसको लेकर राज्य सरकार केंद्र के संपर्क में है।
स्टालिन ने श्रीलंकाई नागरिकों के संकटग्रस्त द्वीपीय देश श्रीलंका से भागने और तमिलनाडु के तटों पर बड़ी संख्या में पहुंचने संबंधी मीडिया की खबरों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को कानूनी रूप से संभालने के लिए केंद्र सरकार से संपर्क करने का पहले ही अधिकारियों को निर्देश दे दिया है।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने विधानसभा को बताया, ‘‘मैं पीड़ित (श्रीलंकाई) तमिलों के हाल ही में तमिलनाडु में आने की (खबर) देख रहा हूं। मैंने कल अपने अधिकारियों को संबंधित केंद्रीय मंत्रालय और अधिकारियों से संपर्क करने के साथ ही इस मुद्दे को कानूनी रूप से कैसे संभालना है, इस बारे में निर्देश दिया था।’’
उन्होंने आश्वासन दिया, ‘‘तमिलनाडु सरकार श्रीलंकाई तमिलों के लिए एक नई सुबह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी।’’
महिलाओं और बच्चों सहित 10 सदस्यों का एक समूह आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका से भागकर बुधवार को रामेश्वरम पहुंचा। इससे पहले छह श्रीलंकाई नागरिक तमिलनाडु आये थे।
कांग्रेस विधायक एस विजयधरणी ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए जानना चाहा कि क्या तमिलनाडु सरकार हस्तक्षेप कर सकती है और पीड़ित श्रीलंकाई तमिलों की मदद कर सकती है।
आवश्यक वस्तुओं की कीमत आसमान पर पहुंचने का दावा करने वाली खबरों के बीच, श्रीलंका में पेट्रोलियम उत्पादों की भारी कमी हो गई है। पिछले हफ्ते, भारत ने संकट से निपटने के लिए श्रीलंका को एक अरब अमरीकी डालर के ऋण सुविधा की घोषणा की थी। भारत ने उससे पहले श्रीलंका को 50 करोड़ डालर की ऋण सुविधा दी थी।
भाषा अमित उमा
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