नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के बीच महानिदेशक स्तर की वार्ता मंगलवार को दिल्ली में शुरू हुई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
इस वार्ता में बीएसएफ द्वारा बाड़ लगाने के काम में बाधा डालने और बांग्लादेशी शरारती तत्वों द्वारा बीएसएफ के कर्मियों और नागरिकों पर हमलों से संबंधित मुद्दों को बीजीबी के समक्ष उठाने की संभावना है।
पिछले वर्ष अगस्त में शेख हसीना के बांग्लादेश की प्रधानमंत्री का पद छोड़ने के बाद दोनों सीमा सुरक्षा बलों के बीच यह पहली शीर्ष स्तरीय बैठक है।
दोनों सुरक्षा बलों के बीच 55वां महानिदेशक स्तरीय सीमा समन्वय सम्मेलन यहां लोधी रोड स्थित बीएसएफ मुख्यालय में शुरू हुआ जहां बीजीबी के प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद अशरफज्जमां सिद्दीकी का स्वागत किया गया।
बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल सोमवार को भारत पहुंचा और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने उनका स्वागत किया।
बीएसएफ ने पिछले सप्ताह एक बयान में कहा था कि सम्मेलन का आयोजन सीमा संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने और सीमा सुरक्षा बलों के बीच समन्वय को बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है।
इन वार्ताओं का अंतिम संस्करण पिछले वर्ष मार्च में ढाका में आयोजित किया गया था।
कुल 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पांच राज्यों-पश्चिम बंगाल (2,217 किलोमीटर), त्रिपुरा (856 किलोमीटर), मेघालय (443 किलोमीटर), असम (262 किलोमीटर) और मिजोरम (318 किलोमीटर) तक फैली हुई है।
दोनों देशों के बीच संबंधों में उस समय तनाव आ गया था जब पिछले वर्ष दिसंबर में भारत द्वारा सीमा पर बाड़ लगाने तथा कुछ अन्य मुद्दों को लेकर दोनों देशों ने एक-दूसरे के उच्चायुक्तों को तलब किया था।
सरकार ने बजट सत्र में संसद को जानकारी दी कि भारत ने बांग्लादेश से कहा है कि वह सीमा पार से होने वाले अपराधों से निपटने के लिए पड़ोसी देश से सहयोगात्मक रुख की उम्मीद करता है और इसमें सीमा पर बाड़ लगाने का मामला भी शामिल है।
यह वार्ता 20 फरवरी को दोनों पक्षों के ‘चर्चा के संयुक्त दस्तावेज’ पर हस्ताक्षर करने के साथ समाप्त होगी।
भाषा आशीष रंजन
रंजन
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.