नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान को कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस्लामाबाद ने भारत के खिलाफ अपने झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए सीआईसीए मंच का दुरुपयोग किया है. साथ ही कहा कि पड़ोसी देश को वैश्विक समुदाय को लेक्चर देने के बजाय अपना घर व्यवस्थित करने की सलाह दी है.
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कजाकिस्तान के अस्ताना में सीआईसीए शिखर सम्मेलन में कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने मेरे देश के खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रोपागेंडा का प्रचार करने और सदस्य देशों के बीच आज की चर्चा और विषय ध्यान हटाने के लिए एक बार फिर सीआईसीए मंच का दुरुपयोग किया है. जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग रहे हैं और रहेंगे. भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने के लिए पाकिस्तान के पास कोई अधिकार नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान की टिप्पणी भारत के आंतरिक मामलों, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता में घोर हस्तक्षेप है जो सितंबर 1999 के सीआईसीए सदस्य राज्यों के बीच संबंधों को निर्देशित करने वाले सिद्धांतों पर सीआईसीए घोषणा के साथ असंगत है.’
इस बात पर रोशनी डालते हुए कि पाकिस्तान आतंकवाद का वैश्विक केंद्र बना हुआ है, लेखी ने कहा कि उसे भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को खत्म करना चाहिए.
मंत्री ने कहा, ‘पाकिस्तान को तुरंत भारत विरोधी सीमा पार आतंकवाद को रोकना चाहिए और आतंकवाद के अपने बुनियादी ढांचे को बंद करना चाहिए. यह पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू, कश्मीर और लद्दाख (पीओजेकेएल) में गंभीर और लगातार मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए अच्छा होगा; किसी को भी प्रभावित करने से बचना चाहिए. पीओजेकेएल की स्थिति में और भारतीय क्षेत्रों को खाली करना जो इसके अवैध और जबरन कब्जे में हैं.’
लेखी ने कहा कि भारत पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ सामान्य संबंध चाहता है.
उन्होंने कहा, ‘इस तरह पाकिस्तान को सलाह दी जाती है कि वह भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी तरह से करने की अनुमति नहीं देने के लिए विश्वसनीय, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करने सहित अनुकूल माहौल बनाकर बात करें.’
यह कहते हुए कि इस तरह के उपाय दोनों देशों को सहयोग के अपने एजेंडे से इस महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच को विचलित करने के बजाय द्विपक्षीय रूप से मुद्दों को सुलझाने और संबोधित करने में सक्षम करेंगे.
बता दें कि इससे पहले, छठे सीआईसीए शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, पाकिस्तान के पीएम ने जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा था कि परिणाम देने वाले समाधानों की दिशा में आवश्यक कदम उठाने की जिम्मेदारी भारत पर बनी हुई है.
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