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Sunday, 28 April, 2024
होमदेशअमेरिका में पढ़ने वाले परिवार के शख्स थे आंध्र के मारे गए सैयेश वीरा, पिता के सपने को कर रहे थे पूरा

अमेरिका में पढ़ने वाले परिवार के शख्स थे आंध्र के मारे गए सैयेश वीरा, पिता के सपने को कर रहे थे पूरा

24 वर्षीय वीरा को कोलंबस, ओहियो, गैस स्टेशन पर गोली मार दी गई थी जहां उन्होंने पार्ट टाइम काम शुरू किया था. वह कुछ ही हफ्तों में अपनी पढ़ाई पूरी करने वाले थे और मई में भारत आने की योजना बना रहे थे.

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हैदराबाद: सैयेश वीरा ने कुछ ही हफ्तों में संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) में क्लीवलैंड विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी कर ली होती और मई में भारत वापस आने की उम्मीद थी. एक मास्टर्स प्रोग्राम में हिस्सा लेने वाले, 24 वर्षीय सैयेश अपने दिवंगत पिता के अमेरिका में पढ़ाई करने के सपने को पूरा कर रहे थे. लेकिन वह सपना गुरुवार की देर रात टूट गया जब वीरा को ओहियो के कोलंबस में एक गैस स्टेशन पर गोली मार दी गई, जहां वह पार्ट टाइम काम करते थे.

खबरों के मुताबिक वीरा को स्टेशन पर डकैती के प्रयास के दौरान गोली मारी गई थी.

आंध्र प्रदेश के एलुरु के रहने वाले वीरा 2021 में अमेरिका गए थे. हाल ही में, वह नौकरी बदलना चाहते थे. वीरा के चाचा नरसिम्हा राव ने फोन पर दिप्रिंट से कहा, “उसने हमें बताया कि उसने ईंधन स्टेशन के मालिक को सूचित किया था कि वह अब नौकरी जारी नहीं रखना चाहता. वह पूर्णकालिक आईटी नौकरी पाने की दिशा में काम कर रहा था. जाहिर है, उस रात पेट्रोल पंप की देखभाल करने वाला कोई नहीं था, इसलिए उसे आने के लिए कहा गया. और यह हो गया,”

उनके अनुसार, वीरा ने एच1-बी वीजा के लिए भी आवेदन किया था, जो अमेरिकी नियोक्ताओं को विदेशी कर्मचारियों को रोजगार देने की अनुमति देता है.

वीरा, जिनके दिवंगत पिता एलुरु में सी.आर. रेड्डी कॉलेज में लेक्चरर थे, के परिवार में उनकी मां और बड़े भाई हैं, जो आंध्र प्रदेश के मंगलागिरी में काम करते हैं.

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राव ने कहा, “अमेरिका में अपने बच्चों को शिक्षित करना उनके पिता का सपना था और वीरा ने इसके लिए कड़ी मेहनत की.” परिवार ने विदेश में अपनी शिक्षा के लिए बैंक से कर्ज लिया था.

परिवार के मुताबिक वीरा परिवार को बेहतर जिंदगी, आर्थिक आजादी भी देना चाहते थे.

उन्होंने दिप्रिंट से कहा, एलुरु के जिला कलेक्टर वी. प्रसन्ना वेंकटेश ने परिवार से संपर्क किया और उन्हें आश्वासन दिया है कि वीरा का शव वापस लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य मंत्री अल्ला काली कृष्ण श्रीनिवास भी एलुरु में परिवार से मिलने गए हैं.

इस बीच, एक दुखी मां अपने बेटे की हत्या के लिए जवाब मांग रही है.

वीरा की मां ने शुक्रवार को मीडिया को बताया, “उसने मुझे अमेरिका में किसी भी कठिनाइयों के बारे में कभी नहीं बताया. वह रोज मुझे फोन करता था, मुझसे पूछता था कि मैंने क्या बनाया है… (यहां तक कि) एक बार भी नहीं बताया कि वह किन चीजों से गुजर रहा है. वह अपने पिता की इच्छा के अनुसार अमेरिका चला गया … मेरे बेटे ने ऐसा क्या गलत किया कि हत्यारे ने उसे गोली मार दी?”

अमेरिका में, पुलिस का कोलंबस डिवीजन जनता से संपर्क में है ताकि संदिग्ध के बारे में कोई सुराग मिल सके.

‘शानदार क्रिकेटर, बेहतरीन दोस्त’

परिवार ने कहा कि वीरा एक खेल प्रेमी और जुनूनी क्रिकेटर था. वीरा के पार्थिव शरीर को वापस भारत लाने के लिए चंदा इकट्ठा करने वाले अमेरिका के निवासी रोहित यालमंचिली ने बताया कि वह किस तरह से एक ‘प्रतिभाशाली क्रिकेटर’ था.

यालमंचिली ने चंदा इकट्ठा करने वाले पेज पर लिखा, “किसी अन्य मध्यवर्गीय व्यक्ति की तरह वह भी तमाम आकांक्षाओं के साथ अमेरिका (अपने परिवार में पहला) आया था… वह हमेशा लोगों की मदद करने के लिए तैयार रहता था और क्रिकेट के मैदान पर बेहतरीन खिलाड़ी था. कोलंबस क्षेत्र में क्रिकेट खेलने वाला हर व्यक्ति उन्हें जानता होगा, वह एक शानदार क्रिकेटर और एक बेहतरीन दोस्त था.”

उन्होंने कहा, “ईश्वर सैयेश, उसकी मां, परिवार और दोस्तों को शांति दे.”

वीरा के शव को भारत वापस लाने की औपचारिकताओं पर काम कर रही अमेरिका की एक स्वतंत्र संस्था तेलुगु एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (टीएएनए) ने अमेरिका में भारतीय छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है.

टीएएनए के कोषाध्यक्ष अशोक बाबू कोल्ला ने फोन पर दिप्रिंट को बताया कि औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं और वीरा के शव को रविवार तक घर भेजे जाने की संभावना है. उन्होंने कहा, “हम अमेरिका में क्या करना है और क्या नहीं करना है, इस पर बहुत सारे सेमिनार करते हैं और एक महत्वपूर्ण हिस्सा किसी की सुरक्षा का ध्यान देना है. लगभग 70,000 भारतीय छात्र हर साल अमेरिका आते हैं और इस संदेश को फैलाना हमारे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण हो जाता है.’

जनवरी के अंत में शिकागो में दो तेलुगु छात्रों को लुटेरों ने गोली मार दी थी. खबरों के मुताबिक, हैदराबाद के रहने वाले के साईं चरण और विजयवाड़ा के देवांश हमले में घायल हो गए.

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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