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Thursday, 21 November, 2024
होमदेशसुशील मोदी के 'भाजपा के सेना को तोड़ने' वाले बयान से महाराष्ट्र के मानसून सत्र में हंगामे के आसार

सुशील मोदी के ‘भाजपा के सेना को तोड़ने’ वाले बयान से महाराष्ट्र के मानसून सत्र में हंगामे के आसार

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने पिछले हफ्ते कहा था कि बीजेपी ने अपने किसी भी सहयोगी को कभी नहीं तोड़ा है, जून में विभाजित हुई शिवसेना 'हमारा सहयोगी नहीं थी.'

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मुंबई: शिवसेना को तोड़ने की भाजपा की अनजाने में स्वीकारोक्ति और एकनाथ शिंदे सरकार की आड़ में पार्टी का अपना शो चलाने के आरोपों से महाराष्ट्र की राजनीति में उबाल आने की संभावना है. 4 जुलाई के फ्लोर टेस्ट के बाद बागी शिवसेना और भाजपा के गठबंधन वाली सरकार विधायिका का पहला सत्र आयोजित करने वाली है.

महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र बुधवार से शुरू होने जा रहा है.

पिछले हफ्ते बीजेपी के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि बीजेपी ने अपने किसी भी सहयोगी को कभी नहीं तोड़ा है. वह बिहार में जनता दल (यूनाइटेड) के साथ भाजपा के विभाजन को लेकर बात कर रहे थे.

उन्होंने बताया, ‘वे कह रहे हैं कि जद (यू) को तोड़ने की कोशिश की जा रही थी. शिवसेना का उदाहरण दिया जा रहा है. शिवसेना हमारी सहयोगी नहीं थी.’

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के विधायकों और एमएलसी ने दिप्रिंट को बताया कि बुधवार से शुरू हो रहे विधायिका के मानसून सत्र में प्रमुख मुद्दों में से एक यह होगा कि महा विकास अघाड़ी सरकार को गिराने से लेकर प्रमुख विभागों को अपने पास रखने और मानसून सत्र को सिर्फ पांच दिनों तक सीमित करने तक, भाजपा कथित रूप से कैसे अपना शो चला रही है.

एमवीए सरकार में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस शामिल थीं.

ठाकरे के विश्वासपात्र रहे शिवसेना के विधायक भास्कर जाधव ने कहा, ‘मानसून सत्र के दौरान यह निश्चित रूप से मुख्य मुद्दा होगा. भाजपा निर्दोष होने का अभिनय कर रही है. लेकिन सभी जानते हैं कि शिवसेना में विभाजन के पीछे पार्टी का हाथ था. अब, पार्टी के एक जिम्मेदार नेता ने स्वीकार किया है और भाजपा के पास दिखाने के लिए कोई चेहरा नहीं बचा है.’

शिवसेना के एकनाथ शिंदे ने जून में 40 विधायकों के विद्रोह का नेतृत्व किया और ठाकरे के नेतृत्व वाले एमवीए से बाहर चले गए, जिस वजह से सरकार गिर गई थी. इसके बाद विधायकों ने बीजेपी के साथ सरकार बनाई जिसमें शिंदे सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बने.

पिछले हफ्ते सुशील मोदी की टिप्पणी के बाद भाजपा विधायक आशीष शेलार ने कहा कि भाजपा ने शिंदे के विद्रोह की योजना नहीं बनाई, जो हुआ वो उनकी पार्टी के नेतृत्व के साथ वैचारिक मतभेदों के कारण था. शैलार पार्टी की मुंबई इकाई के अध्यक्ष हैं.


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‘शो चला रही बीजेपी’

मानसून सत्र के दौरान, ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के विधायकों और एमएलसी ने शिंदे के साथ रैली करने वाले विधायकों को निशाना बनाने की योजना बनाई है कि कैसे शिंदे के सीएम बनने के बावजूद भाजपा सरकार की बागडोर संभाल रही है.

डिप्टी सीएम फडणवीस ने गृह, वित्त, आवास और ऊर्जा जैसे कुछ सबसे महत्वपूर्ण विभागों को अपने पास रखा है.

सरकार के सत्ता में आने के इन 48 दिनों में, भाजपा ने उन परियोजनाओं को भी आगे बढ़ाया है जो उसके लिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, जैसे मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन और आरे मेट्रो कार शेड.

ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने इन दोनों परियोजनाओं का विरोध किया था. मुख्यमंत्री के रूप में ठाकरे ने बुलेट ट्रेन परियोजना की अनदेखी की और उन्होंने आरे मेट्रो कार शेड को कांजुरमार्ग में स्थानांतरित कर दिया था.

शिवसेना एमएलसी मनीषा कायंडे ने कहा कि वे ‘आरे मेट्रो कार शेड के मुद्दे को मजबूती से उठाने की योजना बना रहे हैं.’ उन्होंने बताया, ‘थीम यह होगी कि भाजपा सरकार में सब कुछ कैसे व्यवस्थित कर रही है.’

शिवसेना विधायक अजय चौधरी, जिन्हें ठाकरे ने शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोह के बाद पार्टी के समूह के नेता के रूप में नियुक्त किया था, ने कहा कि सुशील मोदी का बयान भाजपा की ‘आधिकारिक स्वीकरोक्ति’ है जिसे सब पहले से जानते हैं. उन्होंने आगे बताया, ‘हर कोई जानता था कि शिवसेना में विभाजन भाजपा की करतूत थी. सारी प्लानिंग बीजेपी ने की थी.’

उन्होंने कहा, ‘फ्लोर टेस्ट के बाद सीएम शिंदे ने यह भी माना था कि बगावत से पहले दुनिया के सो जाने के बाद वह और फडणवीस मिलते थे और फडणवीस भेष बदलकर आया करते थे.

एमवीए में ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के सहयोगी भी सत्तारूढ़ गठबंधन पर हमले में पार्टी का समर्थन कर सकते हैं.

एनसीपी के प्रवक्ता महेश तापसे ने दिप्रिंट को बताया कि 2019 में एमवीए के सत्ता में आने के बाद से ही बीजेपी सत्ताधारी सरकार को गिराने की पूरी कोशिश कर रही थी.

उन्होंने बताया, ‘भाजपा नेताओं ने अब शिवसेना को विभाजित करके एमवीए सरकार को खत्म करने की बात स्वीकार की है. राज्य के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ आई है, लेकिन किसानों को कोई राहत नहीं दी गई है. और अब हम शिवसेना के विद्रोहियों को नागरिकों को खुली धमकियां देते हुए देख रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘शिंदे सिर्फ दिखावे के लिए मुख्यमंत्री हैं. सरकार तो वास्तव में सुपर सीएम देवेंद्र फडणवीस चला रहे हैं.’ वह आगे कहते हैं, हम इन सभी मुद्दों को विधानसभा सत्र में उठाएंगे.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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