नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने जमीनी स्तर पर पर्यावरण सुरक्षा उपायों के लिए अखिल भारतीय सेवा की तर्ज पर ‘‘भारतीय पर्यावरण सेवा’’ के गठन के लिए याचिका पर शुक्रवार को केंद्र से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ ने अधिवक्ता समर विजय सिंह की याचिका पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को नोटिस जारी करते हुए जानना चाहा है कि क्या वह एक अलग अखिल भारतीय सेवा के सृजन के लिए आदेश दे सकता है।
उच्चतम न्यायालय ने हालांकि कहा कि इस बात की जांच की जा सकती है कि क्या केंद्र का इरादा पूर्व कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को लागू करने का है या नहीं।
पीठ अधिवक्ता समर विजय सिंह याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता ने याचिका में 2014 में पूर्व कैबिनेट सचिव टी. एस. आर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा गठित उच्च-स्तरीय समिति की रिपोर्ट का हवाला दिया है। रिपोर्ट में एक नई अखिल भारतीय सेवा, ‘‘भारतीय पर्यावरण सेवा’’ के गठन की सिफारिश की गई है।
याचिका में कहा गया है कि प्रशासन, नीति निर्माण और राज्य तथा केंद्र सरकारों की नीतियों के कार्यान्वयन की निगरानी में प्रशिक्षित कर्मियों की कमी है।
इसमें कहा गया है, ‘‘हालांकि, कार्यान्वयन और प्रवर्तन की समस्याओं के कारण कई निर्धारित लक्ष्य पूरे नहीं हो पाए हैं। पर्यावरण के मुद्दों को लेकर पूरे देश में उथल-पुथल को देखते हुए, अखिल भारतीय सेवा ‘‘भारतीय पर्यावरण सेवा’’ का गठन किया जाना समय की जरूरत है।’’
याचिका में अधिकारियों को पर्यावरण कानून लागू करने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए एक भारतीय पर्यावरण सेवा अकादमी स्थापित करने का भी अनुरोध किया गया है।
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देवेंद्र अनूप
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