नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को राष्ट्रीय राजधानी के ओखला गांव में अतिक्रमण और अवैध निर्माण को ढहाने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने प्राधिकरण को तीन महीने के भीतर अनुपालन हलफनामा दाखिल करने को कहा।
पीठ ने कहा, ‘‘हम डीडीए को 2 बीघा और 10 बिस्वा क्षेत्र में अनधिकृत संरचनाओं के संबंध में कानून के अनुसार ढहाने की कार्रवाई करने का निर्देश देते हैं। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि जब हम कानून की उचित प्रक्रिया की बात करते हैं, तो किसी भी संरचना को ढहाने से पहले संबंधित व्यक्ति को कम से कम 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए।’’
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कुल 3 बीघा और 8 बिस्वा जमीन, जो डीडीए को नहीं सौंपी गई थी, में से 1 बीघा और 8 बिस्वा का क्षेत्र पीएम-उदय योजना के दायरे में आता है और शेष क्षेत्र योजना के दायरे से बाहर है।
इसने कहा, ‘‘हम राज्य सरकार को निर्देश देते हैं कि वह 3 बीघा 8 बिस्वा क्षेत्र के संबंध में अवैध संरचनाओं को ढहाये जाने की कार्रवाई करे, जो कानून के अनुसार पीएम उदय योजना के अंतर्गत नहीं आता है।’’
उच्चतम न्यायालय दिल्ली में सार्वजनिक भूमि पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण के विरुद्ध अपने 2018 के निर्देशों के उल्लंघन के खिलाफ एक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
भाषा देवेंद्र माधव
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