नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कथित कोयला शुल्क घोटाले से जुड़े एक मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया की अंतरिम जमानत बढ़ा दी है। चौरसिया इस मामले की आरोपी हैं।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 नवंबर की तारीख निर्धारित की है।
पीठ ने 25 अक्टूबर के अपने आदेश में कहा, ‘‘इस बीच अंतरिम आदेश जारी रहेगा।’’
शीर्ष अदालत ने 25 सितंबर को चौरसिया को अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि वह एक साल और नौ महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं और मुकदमा शुरू होने से पहले उनके खिलाफ आरोप तय नहीं किए गए थे।
न्यायालय ने हालांकि छत्तीसगढ़ सरकार को अगले आदेश तक चौरसिया को सेवा में बहाल न करने का निर्देश देते हुए आदेश दिया कि जब भी आवश्यकता हो, वह (चौरसिया) निचली अदालत में पेश हों और किसी भी गवाह को प्रभावित न करें।
चौरसिया ने उच्च न्यायालय के 28 अगस्त के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार किया गया था।
शीर्ष अदालत ने 14 दिसंबर, 2023 को चौरसिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि वह प्रथम दृष्टया धनशोधन में शामिल थीं।
इसने कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए पर्याप्त सबूत एकत्र किए हैं कि चौरसिया धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएलएलए) की धारा-तीन में परिभाषित धनशोधन के अपराध में सक्रिय रूप से शामिल थीं।
संघीय जांच एजेंसी ने 2022 में प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध इस राज्य में ‘‘कोयला-शुल्क घोटाला’’ करने के लिए एक ‘‘बड़ी साजिश’’ का आरोप लगाया था, जिसमें पिछले दो वर्षों में लगभग 540 करोड़ रुपये की ‘‘जबरन वसूली’’ हुई थी।
धनशोधन का मामला आयकर विभाग द्वारा दर्ज की गई शिकायत से उत्पन्न हुआ है।
भाषा सुरेश संतोष
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