नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि निर्दलीय लोकसभा सांसद नवनीत कौर राणा की उस याचिका पर वह जुलाई में सुनवाई करेगा, जिसमें उन्होंने अपने जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने के बंबई हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है.
निर्दलीय सांसद नवनीत कौर राणा महाराष्ट्र के, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित अमरावती निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं.
न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी की पीठ ने मामले पर सुनवाई को स्थगित कर दिया. इससे पहले, राणा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा था कि उन्हें कुछ समय चाहिए.
पीठ ने कहा, ‘हम जुलाई में मामले पर सुनवाई करेंगे.’
छुट्टियों के बाद, नई पीठ के मामले पर सुनवाई करने की संभावना है, क्योंकि न्यायमूर्ति सरन 10 मई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 22 जून को राणा का जाति प्रमाण पत्र रद्द करने के हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी.
बंबई हाई कोर्ट ने कहा था कि जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर फर्जी तरीके से जाति प्रमाण पत्र हासिल किया गया. अदालत ने राणा पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
राणा ने 2019 में अमरावती से चुनाव जीता था. उन्होंने अपने हलफनामे में दावा किया था कि वह ‘मोची’ जाति से नाता रखती हैं. चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने उनका समर्थन किया था.
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