scorecardresearch
Thursday, 19 December, 2024
होमदेशSC ने रेप पीड़िता का 'टू फिंगर टेस्ट' करने पर लगाई रोक, ऐसा करने वाला माना जाएगा दोषी

SC ने रेप पीड़िता का ‘टू फिंगर टेस्ट’ करने पर लगाई रोक, ऐसा करने वाला माना जाएगा दोषी

शीर्ष अदालत ने आगे टिप्पणी की कि ऐसा कोई भी टेस्ट एक गलत धारणा पर आधारित है कि सेक्सुअली एक्टिव महिला का बलात्कार नहीं हो सकता है.

Text Size:

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बलात्कार पीड़ितों के ‘टू फिंगर टेस्ट’ पर चिंता व्यक्त की और कहा कि पीड़ितों पर इस तरह के टेस्ट करने वाले किसी भी व्यक्ति को कदाचार का दोषी माना जाएगा.

यह आदेश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ दिया है, जिन्होंने एक आरोपी की सजा को बहाल किया. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पीड़िता के सेक्सुअल हिस्ट्री के सबूत मामले के लिए महत्वपूर्ण नहीं. पीठ ने ‘टू फिंगर टेस्ट’ के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह ‘अफसोसनाक’ है कि यह (दो उंगलियों का परीक्षण) आज भी जारी है.

शीर्ष अदालत ने आगे टिप्पणी की कि ऐसा कोई भी टेस्ट एक गलत धारणा पर आधारित है कि सेक्सुअली एक्टिव महिला का बलात्कार नहीं हो सकता है.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘ये पितृसत्तात्मक और लैंगिक रूप से भेदभाव करने वाला है कि एक महिला के यौन संबंधों में सक्रिय होने के कारण ये ना माना जाए कि उसके साथ रेप हुआ है.’

यह भी पढे़ं: कन्नौज की लड़की का बलात्कारी ‘साइकोपैथ’, कई नाबालिगों की ‘हत्या, यौन-उत्पीड़न’ कर चुका है


 

share & View comments