तिरुवनंतपुरम, एक सितंबर (भाषा) केरल विधानसभा का अगला सत्र 15 सितंबर से शुरू होने वाला है और कांग्रेस के और वरिष्ठ नेताओं ने पलक्कड़ के विधायक राहुल ममकूटाथिल के सत्र में हिस्सा लेने के लिए खुले तौर पर अपना समर्थन व्यक्त किया है।
दुर्व्यवहार के कई आरोपों का सामना कर रहे ममकूटाथिल ने पहले युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया और बाद में उन्हें कांग्रेस पार्टी से निलंबित कर दिया गया। हालांकि, केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस बात पर अड़े हैं कि उन्हें विधायक पद से इस्तीफा देना चाहिए।
संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) संयोजक अदूर प्रकाश और वरिष्ठ नेता एम एम हसन के बयानों के बाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री के. मुरलीधरन ने सोमवार को कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है कि ममकूटाथिल को सत्र में भाग लेने से रोका जाए।
मुरलीधरन ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि यदि ममकूटाथिल सत्र में भाग लेने के लिए सदन में आते हैं तो सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सदस्य उनके साथ दुर्व्यवहार करेंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘जब वह (इस बार) सदन में आते हैं, तो वह एक असंबद्ध सदस्य होंगे। उनकी भागीदारी के बारे में सभी निर्णय अध्यक्ष ही लेंगे।’
उन्होंने कहा कि एलडीएफ सदस्य ज़्यादा से ज़्यादा यही करेंगे कि जब पलक्कड़ के विधायक बोलने के लिए खड़े होंगे, तो वे शोरशराबा करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर वे ऐसा करते हैं, तो यूडीएफ सदस्य भी वाम विधायक मुकेश या वन मंत्री ए. के. ससीन्द्रन के खिलाफ ऐसा ही करेंगे, जिनके खिलाफ भी इसी तरह के उत्पीड़न के आरोप हैं।
मुरलीधरन ने कहा, ‘‘मुकेश के ख़िलाफ़ दो शिकायतें थीं और पुलिस ने उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार किया और बाद में वे जमानत पर रिहा कर दिये गए। लेकिन ममकूटाथिल के मामले में उनके खिलाफ़ कोई लिखित शिकायत नहीं है…और न ही कोई गिरफ़्तारी हुई है। इसलिए सत्र में उनका हिस्सा लेना गलत नहीं है।’’
यूडीएफ के पूर्व संयोजक एम एम हसन ने ममकूटाथिल का समर्थन करते हुए रविवार को कहा था कि एक विधायक के रूप में उन्हें विधानसभा सत्रों में भाग लेने से कोई नहीं रोक सकता। हसन ने कहा कि राहुल ममकूटथिल पर महिलाओं से कथित दुर्व्यवहार के आरोपों से राजनीतिक लाभ उठाने की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की कोशिश सफल नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने ममकूटाथिल के इस्तीफे की मांग की थी और माकपा के प्रदेश सचिव एम वी गोविंदन ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी, लेकिन माकपा के कई विधायकों, मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं पर ‘गंभीर आरोप’ लगने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
आगामी विधानसभा सत्र में ममकूटाथिल की भागीदारी के बारे में, हसन ने कहा कि एक विधायक के रूप में इसमें भाग लेना उनका अधिकार है।
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस उनका बचाव करेगी, हसन ने जवाब दिया, ‘यह अप्रासंगिक है, क्योंकि उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। संसदीय दल है और उसके नेता हैं, वे ही फैसला करेंगे।’
मलयालम अभिनेत्री रिनी एन जॉर्ज द्वारा एक प्रसिद्ध राजनीतिक दल के ‘युवा नेता’ पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाये जाने के बाद ममकूटाथिल के लिए मुश्किलें शुरू हो गईं।
माकपा और भाजपा द्वारा उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू करने के बाद, कई अन्य महिलाओं और एक ट्रांसजेंडर ने भी उन पर इसी तरह के आरोप लगाए।
पंद्रहवीं केरल विधानसभा का चौदहवां सत्र 15 सितंबर से शुरू होगा।
भाषा अमित मनीषा
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