इंदौर: ‘सुल्ली डील्स’ मोबाइल ऐप बनाने के आरोप में दिल्ली पुलिस द्वारा इंदौर से गिरफ्तार किए गए 26 वर्षीय आईटी विशेषज्ञ के पिता ने रविवार को दावा किया कि उनके बेटे को इस मामले में फंसाया जा रहा है.
दिल्ली पुलिस ने बताया कि ‘सुल्ली डील्स’ ऐप बनाने वाले ओंकारेश्वर ठाकुर (26) को इंदौर से गिरफ्तार किया गया है और यह इस मामले में पहली गिरफ्तारी है.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को बिना उनकी मंजूरी के इस ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए डाला गया था.
इंदौर के निजी महाविद्यालय आईपीएस अकादमी में पढ़ाई के बाद बैचलर ऑफ कंप्यूटर ऐप्लिकेशन (बीसीए) की उपाधि लेने वाला ओंकारेश्वर ठाकुर शहर की रहवासी टाउनशिप न्यूयॉर्क सिटी में परिवार के साथ रहता है.
ठाकुर की गिरफ्तारी के बाद उसके पिता अखिलेश ठाकुर ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे पता चला है कि केवल एक व्यक्ति के बयान के आधार पर मेरे आईटी विशेषज्ञ बेटे को गिरफ्तार कर दिल्ली ले जाया गया है. मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है और उसे बदनाम किया जा रहा है.’
उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस के दल ने उनके घर से उनके बेटे का मोबाइल और लैपटॉप भी जब्त कर लिया है.
एक निजी कंपनी में कार्यरत अखिलेश ठाकुर ने बताया कि ओंकारेश्वर ने 2018 में बीसीए की उपाधि लेने के बाद घर से ही वेब डिजाइनिंग का काम निजी स्तर पर शुरू किया था.
अखिलेश ठाकुर ने कहा, ‘मैं तो पुराने जमाने का व्यक्ति हूं. मुझे तो ठीक से मोबाइल चलाना भी नहीं आता है. मुझे सुल्ली डील्स ऐप के बारे में कुछ भी मालूम नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने मेरे बेटे की गिरफ्तारी की सूचना देते हुए रविवार सुबह फोन पर मेरी उससे बात भी कराई. इस दौरान बेटे ने मुझसे कहा कि मेरा परिवार तनाव न ले.’
अखिलेश ठाकुर ने बताया कि वह अपने बेटे की कानूनी मदद के लिए रविवार को ही दिल्ली जा रहे हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली पुलिस के दो कर्मी सादी वर्दी में शनिवार दोपहर उनके घर आए और उनके बेटे की पहचान के बाद उसे शनिवार शाम की उड़ान से अपने साथ दिल्ली ले गए.
अखिलेश ठाकुर ने कहा, ‘जब दिल्ली पुलिस ने मेरे बेटे को हिरासत में लिया, तब मैं नजदीकी उज्जैन जिले के नागदा गया था.’
इस बीच, इंदौर के पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि सुल्ली डील्स मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा इंदौर से ठाकुर की गिरफ्तारी के बारे में उन्हें मीडिया से ही पता चला और गिरफ्तारी के वक्त दिल्ली पुलिस ने स्थानीय पुलिस से कोई आधिकारिक सूचना साझा नहीं की. मिश्रा ने कहा कि सुल्ली डील्स मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा आधिकारिक सूचना साझा किए जाने के बाद इंदौर पुलिस अपने स्तर पर भी इस प्रकरण की पड़ताल पर विचार करेगी.
इससे पहले, दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के पी एस मल्होत्रा ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने कुबूल किया है कि वह ट्विटर पर उस समूह का सदस्य है जिसमें मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करने और ट्रोल के लिए विचारों को साझा किया जाता है. अधिकारी ने बताया, ‘उसने गिटहब पर कोड विकसित किया. गिटहब तक समूह के सभी सदस्यों की पहुंच थी. मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को समूह के सदस्यों ने अपलोड किया था.’