पुणे, 25 अगस्त (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की नेता सुप्रिया सुले ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार की लाडकी बहिन योजना में 4,800 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए महिलाओं को वित्तीय सहायता देने की इस योजना पर श्वेत पत्र जारी करने और जांच की मांग की।
सुले ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि अधिकांश लाभार्थियों को इस योजना से बाहर रखा गया है। योजना के तहत 21-65 आयु वर्ग की उन महिलाओं को प्रति माह 1500 रुपये की दर से वित्तीय मदद की जाती है, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है।
बारामती से लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘लाडकी बहिन योजना से लगभग 25 से 26 लाख नाम हटा दिए गए हैं, जिनमें से लगभग दो लाख पुणे से हैं। मैं सरकार से पूछना चाहती हूं कि शुरुआत में किस आधार पर फॉर्म स्वीकार किए गए थे और अब किन मानदंडों के आधार पर नाम हटा दिए गए हैं?’’
उन्होंने रेखांकित किया कि इस योजना में पुरुष आवेदकों को भी लाभ दिया जा रहा है, जबकि यह केवल महिलाओं के लिए है।
सुले ने कहा,‘‘क्या सरकार पुरुष और महिला आवेदकों में अंतर नहीं कर पाई? किस तरह के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया और किसने यह व्यवस्था लागू की? इस पूरे मामले की गहन जांच होनी चाहिए।’’
उन्होंने योजना में 4,800 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री से कैग (भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट सार्वजनिक करने, श्वेत पत्र जारी करने और मामले की जांच शुरू करने का आग्रह करेंगी।
सुले ने कहा, ‘‘अगर राज्य सरकार ऐसा करने में विफल रहती है, तो हमारे पास दिल्ली जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। दुर्भाग्य से, यह आवश्यक प्रतीत होता है। हालांकि, मुझे विश्वास है कि मुख्यमंत्री कार्रवाई करेंगे।’’
महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने रविवार को कहा कि लाडकी बहिन योजना के अपात्र लाभार्थियों को स्वेच्छा से अपना नाम वापस ले लेना चाहिए और पंजीकृत पुरुषों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
सुले ने कहा, ‘‘भुजबल साहब ने कहा कि गलत तरीके से लाभ प्राप्त करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता है। लेकिन वास्तव में ये लोग कौन हैं? जब खाता संख्या मांगी गई थी, तो क्या केवाईसी नहीं किया गया था? क्या आधार कार्ड सत्यापित नहीं थे? राज्य सरकार को जवाब देना चाहिए कि यह पैसा कहां गया। मैं इस मामले में एक जनहित याचिका दायर करने जा रही हूं।’’
महाराष्ट्र के नगर निकाय चुनाव के लिए परिसीमन पर सुले ने आरोप लगाया कि वार्ड का विभाजन मतदाताओं को ध्यान में रखे बगैर कुछ लोगों की सुविधा के अनुसार किया जा रहा है।
भाषा धीरज दिलीप
दिलीप
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