नयी दिल्ली: कंझावला मामले में आरोपियों का कथित तौर पर बचाव करने वाले अंकुश खन्ना को अदालत ने शनिवार को जमानत दे दी. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण करने वाले खन्ना को यह देखते हुए जमानत दे दी कि उसके खिलाफ लगे आरोप जमानती हैं.
न्यायाधीश ने कहा कि जांच अधिकारी (आईओ) के अनुसार, खन्ना ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा था कि आरोपी दीपक वाहन चला रहा था. हालांकि, अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपी अमित गाड़ी चला रहा था।.
अदालत ने जांच अधिकारी की इस दलील पर भी गौर किया कि अंकुश खन्ना ने एक अन्य आरोपी आशुतोष के साथ सह-आरोपियों को दीपक के आवास पर छुपाने में मदद की थी.
न्यायाधीश ने कहा, ‘कथित अपराध जमानती हैं. इसलिए आरोपी को 20,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही रकम की जमानत राशि पर जमानत दी जाती है.’
अदालत ने अभियुक्तों से कहा कि जब भी आईओ द्वारा आवश्यक हो, वे जांच में शामिल हों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करें. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोपी की 14 दिन की न्यायिक हिरासत मांगी.
पुलिस ने अंकुश खन्ना के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 201, 212, 182 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस ने इस मामले में पहले दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था. बाद में, आशुतोष और अंकुश खन्ना को गिरफ्तार किया गया.
गौरतलब है कि रविवार तड़के अंजलि सिंह (20) की स्कूटी को एक कार ने टक्कर मार दी थी और युवती को सुल्तानपुरी से कंझावला तक लगभग 12 किलोमीटर घसीटती हुई ले गई. घटना में युवती की मौत हो गई थी.
दूसरी ओर, पुलिस सूत्रों ने बताया कि दुर्घटना के पीड़िता की दोस्त को इससे पहले उत्तर प्रदेश में मादक पदार्थों की तस्करी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह जमानत पर है.
सूत्रों ने बताया कि उसे दो अन्य लोगों के साथ छह दिसंबर, 2020 को आगरा रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन में गांजा ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
(यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.)