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गुरूवार, 12 जून, 2025
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अग्नि संबंधी एनओसी के अभाव में दिल्ली के कोचिंग केंद्रों के बंद होने की आशंका से विद्यार्थी चिंतित

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नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) दिल्ली में अग्निशमन सेवा से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लिए बिना संचालित किए जा रहे कोंचिग संस्थानों को बंद करने के उच्च न्यायालय के आदेश के बाद विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई की चिंता सता रही है। उनका कहना है कि सरकारी नौकरी की तैयारी करने के लिए ऑनलाइन कक्षाएं सुविधाजनक माध्यम नहीं हैं।

कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 22 वर्षीय यतीन ने बुधवार को कहा कि कोचिंग संस्थान बंद होने से शिक्षा का नुकसान होगा और उनकी राय है कि कक्षाओं का ऑनलाइन तरीका ऑफलाइन कक्षाओं जितना सुविधाजनक नहीं है।

यतीन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “ अगर कोचिंग संस्थान बंद हो गए तो विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान होगा। हम ऑनलाइन कक्षाओं में ज्यादा समय तक पढ़ाई नहीं कर पाएंगे। जून में आग लगने पर 10 दिन के लिए कक्षाएं बंद कर दी गईं थी। हमने ऑनलाइन मोड को अपना लिया है लेकिन हमें एकाग्रता की कमी का सामना करना पड़ता है।”

दिल्ली के मुखर्जी नगर में 15 जून को एक कोचिंग संस्थान में आग लग गई थी।

उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा था कि ‘अग्नि सुरक्षा बहुत जरूरी है’ और सभी कोचिंग केंद्रों को दिल्ली मास्टर प्लान-2021 एवं अन्य नियमों का पालन करना चाहिए।

अदालत मुखर्जी नगर में कोचिंग केंद्रों के संचालन से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। उच्च न्यायालय ने जून में मुखर्जी नगर में एक कोचिंग केंद्र में लगी आग का स्वत: संज्ञान लेने के बाद कार्यवाही शुरू की थी और यह भी उन्हीं याचिकाओं में शामिल थी।

दिल्ली पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि राष्ट्रीय राजधानी में संचालित किए जा रहे 583 कोचिंग संस्थानों में से केवल 67 के पास दिल्ली अग्निशमन सेवा का अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) है।

अदालत ने आदेश दिया, “प्रतिवादी (एमसीडी और दिल्ली सरकार) को उन कोचिंग केंद्रों को बंद करने का निर्देश दिया जाता है, जिनके पास अग्नि संबंधी एनओसी नहीं है।”

पिछले महीने अपने कोचिंग केंद्र में लगी आग को याद करते हुए, अर्जुन सिंह (एसएससी अभ्यर्थी) ने कहा कि इन सभी सुरक्षा उपायों का ध्यान रखना कोचिंग संस्थान प्रबंधन की जिम्मेदारी है।

सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “ जब आग लगी तो मैं वहीं था। मैंने देखा कि कैसे विद्यार्थी इमारत से बाहर आए। कई विद्यार्थी घायल हो गये। इन सभी सुरक्षा उपायों का ध्यान रखना कोचिंग संस्थान प्रबंधन की जिम्मेदारी है। सभी संस्थानों को अग्निशमन विभाग से एनओसी प्राप्त करनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि ऑनलाइन कक्षाएं पर्याप्त नहीं हैं और शिक्षा के डिजिटल माध्यम से विषय संबंशी संशयों को दूर करना मुश्किल होता है।

एक अन्य एसएससी अभ्यर्थी श्रेया सिंह ने कहा, “ कोचिंग संस्थानों की इमारतें वास्तव में पुरानी हैं और यह उनकी पहली चिंता होनी चाहिए। हम पहले ही कोविड-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं ले चुके हैं। मैं अब यह नहीं चाहती हूं। ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान ध्यान केंद्रित करना मुश्किल होता है। साथ ही, सभी के पास ऑनलाइन कक्षाओं के लिए वाईफाई और कंप्यूटर जैसे संसाधन भी नहीं हैं।”

‘तपस्या अकादमी‘ के एक प्रबंधक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “ मुखर्जी नगर में सैकड़ों कोचिंग केंद्र वर्षों से अग्निशमन विभाग की एनओसी के बिना संचालित किए जा रहे थे। इन सभी को पिछले महीने एमसीडी ने बंद कर दिया था। हमने सभी कक्षाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है और ऑनलाइन कक्षाएं भी आयोजित नहीं कर रहे हैं।”

एसएससी अभ्यर्थियों के लिए ‘एक प्रयास कोचिंग सेंटर’ ने कहा कि अग्निशमन विभाग से एनओसी होने के बावजूद वे एक महीने से ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित कर रहे हैं।

भाषा नोमान प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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