नई दिल्ली: विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों ने सोमवार को प्रदर्शन किया और दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा की निंदा की. पुलिस ने यह जानकारी दी.
जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों के साथ एकजुटता दिखाने वाले प्रदर्शनकारियों में छात्रों, शिक्षकों और नागरिकों का समूह शामिल था. प्रदर्शनकारियों ने मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय (एमएएनयूयू), हैदराबाद विश्वविद्यालय, उस्मानिया विश्वविद्यालय और अन्य स्थानों पर नारे लगाए और रैलियां निकालीं.
एमएएनयूयू की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने रविवार की रात जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों पर नकाबपोश गुंडों द्वारा किए गए कथित अत्याचार को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से मार्च निकाला.
विज्ञप्ति में बताया गया कि एमएएनयूयू के करीब 200 शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मचारियों और छात्रों ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर जुलूस निकाला और हाथों में तख्तियां लिए हुए ‘छात्र बचाओ, शिक्षक बचाओ, विश्वविद्यालय बचाओ’ के नारे लगाए.
कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों ने भी बड़ी संख्या में मार्च में हिस्सा लिया.
विज्ञप्ति में बताया गया कि प्रदर्शनकारियों ने जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों पर हुए ‘शर्मनाक कृत्यों’ की निंदा की. हिंसा की निंदा करते हुए प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स यूनियन (पीडीएसयू) के बैनर तले छात्रों के समूह ने उस्मानिया विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया और एबीवीपी के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पुतले फूंके.
उन्होंने ‘हमें न्याय चाहिए’ जैसे नारे लगाए.
इसी तरह से ‘एचसीयू (हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय) छात्र संघ’ के बैनर तले छात्रों के एक समूह ने जेएनयू हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन किया.
जेएनयू के कुलपति पूरी तरह विफल रहे हैं, उन्हें सामने आकर समस्या सुलझानी चाहिए: कर्ण सिंह
जेएनयू के पूर्व कुलाधिपति और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने विश्वविद्यालय में हुए हमले पर सोमवार को विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश कुमार की आलोचना की और आरोप लगाया कि ऐसे कठिन समय में वह अनुपस्थित थे और पूरी तरह विफल रहे.
देश के प्रमुख विश्वविद्यालय में हुई घटना पर चिंता जताते हुए सिंह ने गृह मंत्रालय से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने और छात्रों और महिलाओं पर हमला करने वाले नकाबपोशों को गिरफ्तार करने की मांग की.
दिल्ली पुलिस ने दंगा करने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामला अपराध शाखा को सौंप दिया है.
सिंह ने एक बयान में कहा, ‘जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलाधिपति के तौर पर कल हुई हिंसक और निंदनीय घटना मेरे लिए यह अकल्पनीय और चौंकाने वाली है.’
उन्होंने कहा कि जेएनयू संभवतः देश का सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय है और राजधानी के केंद्र में ऐसी घटना होना त्रासद है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे सिंह ने कहा, ‘मैं गृह मंत्रालय से आग्रह करता हूं कि पूरे मामले की सघन और निष्पक्ष जांच करे और उन नकाबपोश हमलावरों को गिरफ्तार करे जिन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों और छात्राओं पर हमला किया. हमलावरों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए भले ही वे किसी भी राजनीतिक दल से संबद्ध हों.’
उन्होंने कहा कि जेएनयू के छात्रों और अध्यापकों की सुरक्षा करना दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी है.
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा, ‘यह दुखद है कि कुलपति ऐसे कठिन समय में अनुपस्थित थे. वह पूरी तरह से विफल प्रतीत होते हैं और उन्हें सामने आकर समस्या को सुलझाना चाहिए.’