scorecardresearch
Saturday, 28 December, 2024
होमदेशनिजी मेडिकल कॉलेज में घूसखोरी-जातिवाद से विद्यार्थी विदेश जाने को मजबूर : नवीन के पिता

निजी मेडिकल कॉलेज में घूसखोरी-जातिवाद से विद्यार्थी विदेश जाने को मजबूर : नवीन के पिता

Text Size:

हावेरी, एक मार्च (भाषा) युद्धग्रस्त यूक्रेन में मारे गये भारतीय छात्र नवीन के पिता ने मंगलवार को दावा किया कि महंगी मेडिकल शिक्षा और ‘जातिवाद’ कुछ ऐसे कारक हैं जिनकी वजह से भारतीय विद्यार्थी डॉक्टर बनने का ख्वाब पूरा करने के लिए यूक्रेन जैसे देशों का रुख करते हैं।

शोक संतप्त शेखरप्पा ज्ञानगौड़ा ने कहा कि निजी नियंत्रण वाले कॉलेजों में भी मेडिकल की एक सीट पाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं और यही वजह है कि मेडिकल पेशा बहुत ही कठिन विकल्प है।

हावेरी जिले के चलागेरी का रहने वाला नवीन यूक्रेन के खारकीव स्थित एक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में चतुर्थ वर्ष का छात्र था। वह खाने-पीने के सामान के लिए बंकर से बाहर आया था और गोलाबारी की चपेट में आ गया, जिसमें उसकी मौत हो गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज्ञानगौड़ा को फोन करके अपना शोक जताया। ज्ञानगौड़ा ने कहा कि मोदी ने उन्हें उनके बेटे का शव दो या तीन दिनों के भीतर स्वदेश लाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उनके बेटे को 10वीं में 96 प्रतिशत और 12वीं में 97 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए थे और उसने डॉक्टर बनने का सपना 10वीं कक्षा में देखा था। उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा प्रणाली और जातिवाद के कारण उसे सीट नहीं मिल सकी, जबकि वह मेधावी छात्र था। यहां एक मेडिकल सीट हासिल करने के लिए एक करोड़ से दो करोड़ रुपये तक घूस देने पड़ते हैं।’’

ज्ञानगौड़ा ने कहा कि वह देश की राजनीतिक प्रणाली, शिक्षा व्यवस्था और जातिवाद से दुखी हैं, क्योंकि सब कुछ निजी संस्थानों के नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि जब कोई शिक्षा कुछ लाख रुपयों में मिल जाती है, तो करोड़ों रुपये क्यों खर्च किये जाएं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में शिक्षा बहुत अच्छी है और भारत की तुलना में उपकरण भी बहुत अच्छे हैं। इसके अलावा कॉलेज की पढ़ाई को भी अच्छा बताया।

भाषा सुरेश संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments