नयी दिल्ली, 16 मार्च (भाषा) सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने बुधवार को कहा कि उरी और शेरशाह जैसी युद्ध संबंधी फिल्मों ने युद्धभूमि की चुनौतियों एवं बलिदान को आम लोगों तक पहुंचाया है तथा फिल्म उद्योग का सशस्त्र बलों के साथ एक मजबूत संबंध है।
उन्होंने फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ बिल्कुल भिन्न-भिन्न प्रकृति के होने के बाद भी सेना एवं सिनेमा के पेशे में एक बात समान है कि दोनों ने राष्ट्र निर्माण में बहुत योगदान दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम ‘विजेता’ और ‘हिंदुस्तान की कसम’ जैसी फिल्में देखकर बड़े हुए हैं लेकिन युवा पीढ़ी के लिए मुझे ‘बॉर्डर’, ‘उरी’ और ‘शेरशाह’ जैसी फिल्मों का जिक्र करना है।’’
नरवणे ने कहा कि ये (फिल्में) युद्ध क्षेत्र की चुनौतियों और बलिदानों को जन-जन तक ले गई हैं।
भाषा राजकुमार देवेंद्र
देवेंद्र
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.