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Saturday, 4 May, 2024
होमदेशसर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के दिए बयान के साथ 'शरारतपूर्ण व्याख्या' करने की कोशिश की जा रही है: पीएमओ

सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के दिए बयान के साथ ‘शरारतपूर्ण व्याख्या’ करने की कोशिश की जा रही है: पीएमओ

पीएमओ के बयान में कहा गया, 'ऑल पार्टी मीटिंग में प्रमुख भावना राष्ट्रीय संकट के समय सरकार और सशस्त्र बलों के लिए स्पष्ट समर्थन की थी. हमें इस बात का विश्वास है कि जानबूझकर किए जा रहे ऐसे प्रचार से भारत के लोगों की एकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा.'

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शुक्रवार को हुई ऑल पार्टी मीटिंग से जुड़ा एक बयान जारी किया है. पीएमओ द्वारा शनिवार को जारी किए गए इस बायन में कहा गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा ऑल पार्टी मीटिंग में दिए गए बयान को कुछ लोगों द्वारा ‘शरारतपूर्ण व्याख्या’ कर पेश करने की कोशिश की जा रही है.

बयान में कहा गया है कि पीएम ने ये साफ किया है कि भारत लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर किसी तरह के  उल्लंघन का मज़बूती के साथ जवाब देगा. बयान में कहा गया, ‘असल में, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि पूर्व में ऐसी चुनौतियों की तुलना में भारतीय बल एलएसी पर किसी तरह के उल्लंघन का अब मज़बूती से जवाब देते हैं (उन्हें रोकते हैं, उन्हें टोकते हैं).’

बयान में कहा गया कि ऑल पार्टी मीटिंग में ये जानकारी भी दी गई है कि इस बार चीनी बल ज़्यादा संख्या में एलएसी तक आए और भारत का जवाब भी इसी के अनुरूप रहा. बयान में कहा गया कि एलएसी के उल्लंघन के मामले में ये साफ तौर पर बताया गया कि गलवान में 15 जून को हिंसा इस वजह से हुई क्योंकि चीनी पक्ष एलएसी के पास संरचना खड़ा करना चाहता था और वो ऐसा करने पर तुले हुए थे.

बयान में कहा गया है कि ऑल पार्टी मीटिंग की चर्चा में पीएम की बातों का केंद्र 15 जून को गलवान घाटी में हुई घटना थी जिसके कारण 20 भारतीय सैन्य कर्मियों की जानें चली गई. प्रधानमंत्री ने चीन के मंसूबों पर पानी फेरने वाले हमारे सशस्त्र बलों की वीरता और देशभक्ति के लिए सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की.

बयान में कहा गया है, ‘हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी के परिणामस्वरूप स्थिति को ध्यान में रखते हुए पीएम ने कहा कि हमारी तरफ एलएसी में किसी तरह की चीनी मौजूदगी नहीं है.’

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बयान में ये भी कहा गया कि 16 बिहार रेजिमेंट के सैनिकों के बलिदान ने संरचना खड़ा करने की चीनी पक्ष की मंसूबों को नाकाम कर दिया और उस दिन एलएसी में इस जगह पर किए गए उल्लंघन के प्रयास को भी समाप्त कर दिया.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जिन्होंने हमारी ज़मीन पर कदम रखने की कोशिश की उन्हें हमारे मिट्टी के लालों ने अच्छा सबक सिखाया.’ उन्होंने इन शब्दों से हमारी नैतिकता और हमारे सशस्त्र बलों के मूल्यों को संक्षेप में अभिव्यक्त किया.


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बयान में कहा गया है कि पीएम ने आगे ज़ोर देते हुए कहा, ‘मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारे सशस्त्र बल हमारी सीमा की सुरक्षा में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे.’ ये भी कहा गया है कि जो भारत का क्षेत्र है वो भारत के नक्शे से साफ होता है. यह सरकार इसे लेकर दृढ़ और संकल्पबद्ध है.

बयान में ये भी कहा गया है कि अभी तक जो अवैध कब्ज़ा हुआ है, उसके बारे में ऑल पार्टी मीटिंग को विस्तार से बताया गया कि कैसे बीते 60 सालों में परिस्थितवश 43,000 वर्ग किमी से अधिक (ज़मीन) पर कब्ज़ा हुआ है जिससे देश अच्छी तरह से वाकिफ है. ये भी साफ किया गया है कि ये सरकार एलएसी में एकतरफा बदलाव को अनुमति नहीं देगी.

बयान में कहा गया है, ‘ऐसे सयम में जब हमारे जांबाज़ जवान हमारे बॉर्डर की सुरक्षा कर रहे हैं, ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके हौसले को कम करने के लिए एक ग़ैरज़रूरी विवाद खड़ा किया जा रहा है. हालांकि, ऑल पार्टी मीटिंग में प्रमुख भावना राष्ट्रीय संकट के समय सरकार और सशस्त्र बलों के लिए स्पष्ट समर्थन की थी. हमें इस बात का विश्वास है कि जानबूझकर किए जा रहे ऐसे प्रेरित प्रचार से भारत के लोगों की एकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा.’

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