चेन्नई, 18 मई (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने रविवार को पश्चिम बंगाल समेत 8 राज्यों के अपने समकक्षों से राष्ट्रपति और राज्यपाल के लिए विधेयकों पर निर्धारित समयसीमा को लेकर उच्चतम न्यायालय में भेजे गए राष्ट्रपति के संदर्भ का विरोध करने का अनुरोध किया और एक समन्वित कानूनी रणनीति की वकालत की।
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक के अध्यक्ष स्टालिन ने कहा, ‘‘यह सर्वविदित है कि शीर्ष अदालत के परामर्श क्षेत्राधिकार का उपयोग तब नहीं किया जा सकता है, जब संबंधित मुद्दे पर पहले से ही अदालत द्वारा निर्णय लिया जा चुका हो।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘फिर भी, भाजपा सरकार ने संदर्भ मांगने के लिए जोर दिया है, जो उनके भयावह इरादे की ओर इशारा करता है।’’
उन्होंने गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से शीर्ष अदालत के समक्ष राष्ट्रपति द्वारा मांगे गए इस संदर्भ का विरोध करने का अनुरोध किया।
उन्होंने 17 मई को लिखे पत्र में कहा, ‘‘हमें न्यायालय के समक्ष एक समन्वित कानूनी रणनीति अपनानी चाहिए और संविधान के मूल ढांचे को संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए एक संयुक्त मोर्चा प्रस्तुत करना चाहिए, जैसा कि हमारे उच्चतम न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक निर्णय (तमिलनाडु राज्य बनाम तमिलनाडु के राज्यपाल) में बरकरार रखा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस महत्वपूर्ण मुद्दे में आपके तत्काल और व्यक्तिगत हस्तक्षेप की आशा करता हूं।’’
पश्चिम बंगाल के अलावा, स्टालिन ने कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, केरल, झारखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है।
भाषा रंजन दिलीप
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