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Friday, 22 November, 2024
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एसएसएलसी परीक्षा: कर्नाटक के मंत्रियों ने कहा कि हिजाब पर उच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन ना करें

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बेंगलुरु, 28 मार्च (भाषा) कर्नाटक में सोमवार को दसवीं कक्षा की परीक्षाएं शुरू हुईं और इस बीच कर्नाटक के मंत्रियों ने कहा कि हिजाब पर उच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन करने वालों को परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

ज्ञानेंद्र ने कहा, ‘‘ जो भी नियम का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। सभी को उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करना चाहिए। परीक्षा देने के लिए उन्हें हिजाब हटाना होगा।’’

प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने भी समान विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘‘ सरकारी नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी। मुझे विश्वास है कि कोई भी विद्यार्थी ऐसा करने का मौका नहीं देगा।’’

उन्होंने छात्रों से बिना किसी डर के परीक्षा देने की अपील की।

राज्य भर में दसवीं की परीक्षा के लिए 3,440 केन्द्र बनाए गए हैं। परीक्षाओं के लिए 8.74 लाख से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया है।

कुछ मुस्लिम छात्राओं ने परीक्षा केन्द्र के अंदर हिजाब, (इस्लामिक हेडस्कार्फ़) पर प्रतिबंध के विरोध में परीक्षाओं का ‘‘बहिष्कार’’ करने की धमकी दी है।

उच्च न्यायालय ने कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली उडुपी स्थित ‘गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज’ की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग की याचिकाएं खारिज कर दी थीं। उच्च न्यायालय ने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी कहा कि सभी को दसवीं की परीक्षा देनी चाहिए।

बोम्मई ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ मैं सभी छात्रों को शुभकामनाएं देता हूं। यह एक महत्वपूर्ण परीक्षा है। कोविड-19 के मद्देनजर, हमने इस वर्ष परीक्षा के सुचारू संचालन के लिए सभी प्रबंध किए हैं। हम चाहते हैं कि सभी विद्यार्थी परीक्षा दें और उत्तीर्ण होकर अपने उज्ज्वल भविष्य को आकार दें।’’

पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी कहा कि सभी को परीक्षा देनी चाहिए।

जनता दल (सेक्युलर) के नेता ने कहा, ‘‘ सभी धर्मों के छात्रों को अपनी भावनाओं को परे रखकर परीक्षा देनी चाहिए। किसी भी कारण से परीक्षा न छोड़ें।’’

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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