जयपुर, 21 मार्च (भाषा) राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने सोमवार को सालासर-सुजानगढ़ मार्ग पर ‘राम दरबार’ वाले स्वागत द्वार तोड़े जाने का मुद्दा सदन में उठाने की इजाजत नहीं दी। उन्होंने कहा कि वह राज्य के लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से कहेंगे कि इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटना न हो।
डॉ जोशी ने शाम को सदन की कार्यवाही स्थगित करने से पहले, सुबह सदन में इस मुद्दे पर अपने द्वारा दी गई व्यवस्था का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कुछ व्यवस्था दी थी। मेरे ध्यान में आप कुछ बात लाए, मैं आपकी भावना को समझते हुए राजस्थान सरकार के लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं से कहूंगा कि इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटना न हो।’’ जोशी ने कहा कि अपनी सुबह की व्यवस्था में वह ‘यह सुधार करना चाहते हैं।’
इससे पहले उपनेता (प्रतिपक्ष) राजेंद्र राठौड़ ने सोमवार को शून्यकाल में यह मुद्दा उठाना चाहा तो डॉ जोशी ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा था कि यह केंद्र सरकार का विषय है।
उल्लेखनीय है कि यह प्रवेश द्वार चुरू जिले में प्रसिद्ध सालासर बालाजी मंदिर की ओर जाने वाली सड़क पर स्थित था और उसे सड़क को मौजूदा दो लेन से चार लेन में बदलने के लिए इसे 15 मार्च को ढहा दिया गया। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर चल रहा है। भाजपा नेताओं ने इसको लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है।
सोमवार को भी इसको लेकर विधानसभा के बाहर कांग्रेस और भाजपा के विधायकों ने एक दूसरे पर निशाना साधा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा कि स्वागत द्वार का निर्माण एक गैर सरकारी संगठन द्वारा किया गया था, जिस पर प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी राम दरबार की मूर्तियां बिना प्राण प्रतिष्ठा के गेट पर रखी गई थी। उन्होंने कहा कि अब सड़क को दो लेन से चार लेन किया जा रहा है इसलिए द्वार को तोड़ा गया लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि द्वार को हटाने से पहले मूर्तियों को नहीं हटाया गया।
उन्होंने कहा, ‘यह सुनिश्चित करना हर सरकार और हर अधिकारी की जिम्मेदारी है कि किसी की भावनाएं आहत न हों।’
डोटासरा ने आरोप लगाया कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य नेताओं ने इस मुद्दे पर आंदोलन शुरू करने के लिए सालासर के पुजारियों को फोन किया। उन्होंने भाजपा पर धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘‘भाजपा नेता मंदिर के पुजारियों को कॉल कर कह रहे हैं कि आप आंदोलन शुरू करें और भाजपा इसे (आंदोलन को) आक्रामक रूप देना चाहती है।’’
उन्होंने कहा, ‘उनके पास सिर्फ एक काम बचा है, धर्म के नाम पर लोगों को बांटो।’
डोटासरा ने कहा कि वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के दौरान जयपुर मेट्रो रेल के काम के दौरान जयपुर में 300 से अधिक मंदिरों को तोड़ा गया था। उन्होंने कहा कि उक्त मंदिरों में मूर्तियां प्राण प्रतिष्ठा के बाद स्थापित की गईं लेकिन उन्हें तोड़ दिया गया।
निर्दलीय विधायक और मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा ने कहा कि सड़क को चौड़ा करना एनएचएआई की परियोजना है और इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है।
हालांकि भाजपा के विधायक और मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि जिस तरह से मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया, उससे लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। चुरू के जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने संपर्क करने पर इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि एक आधिकारिक बयान बाद में जारी किया जाएगा।
भाषा पृथ्वी
राजकुमार
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