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रविवार, 1 जून, 2025
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कभी-कभी पुलिसकर्मी अपराध में संलिप्त पाये जाते हैं: महाराष्ट्र के मंत्री संजय शिरसाट

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छत्रपति संभाजीनगर, 29 मई (भाषा) महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने बृहस्पतिवार को कहा कि पुलिसकर्मी कभी-कभी अपराधों में संलिप्त पाये जाते हैं।

छत्रपति संभाजीनगर के प्रभारी मंत्री शिरसाट ने यह भी कहा कि यदि पुलिस को खुली छूट दे दी जाए तो वह एक ही दिन में समाज में आपराधिक गतिविधियां खत्म कर सकती है।

पुलिस विभाग राज्य के गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है और फिलहाल इसका प्रभार स्वयं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास है।

सामाजिक न्याय मंत्रालय का कामकाज संभालने वाले शिरसाट औरंगाबाद (पश्चिम) विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनका यह बयान शहर के एक व्यवसायी के घर से डकैतों के एक गिरोह द्वारा 5.5 किलोग्राम सोना और 32 किलोग्राम चांदी लूट लेने के दो सप्ताह बाद आया है।

जब उनसे पूछा गया कि क्या पुलिस आपराधिक गतिविधियों में शामिल है, तो शिरसाट ने कहा, ‘‘कभी-कभी हम अपराधों में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता पाते हैं। डकैत दूसरे राज्यों से नहीं आते और पुलिस के पास उनके बारे में कम से कम कुछ जानकारी तो होती ही है। अगर पुलिस तय कर ले और उन्हें खुली छूट दे दी जाए तो वह 24 घंटे में ही अपराध खत्म कर सकती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम नेता खुली छूट देते हैं तो ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। लेकिन जब ऐसी घटनाएं होती हैं तो हम कह सकते हैं कि उनकी (पुलिस की) संलिप्तता है।’’

शिरसाट ने बताया कि पुलिस ने अब तक व्यापारी के घर से लूटे गये सोने में से 320 ग्राम सोना बरामद कर लिया है। उन्होंने पूछा, ‘‘बाकी सोना कहां गया?’’

इस बीच, शिरसाट के बेटे द्वारा यहां होटल खरीदे जाने में शामिल धन के स्रोत पर विपक्षी शिवसेना (उबाठा) के सवाल उठाने पर मंत्री ने कहा कि 67 करोड़ रुपये की संपत्ति 75 प्रतिशत ऋण लेकर खरीदी जा रही है।

इससे पहले दिन में, शिवसेना (उबाठा) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने दावा किया, ‘‘एक मंत्री के बेटे द्वारा प्रमुख स्थान पर एक संपत्ति 67 करोड़ रुपये में खरीदी गई थी।’’

वह जाहिर तौर पर मंत्री शिरसाट के बेटे सिद्धांत का जिक्र कर रहे थे, लेकिन उन्होंने उनका नाम नहीं लिया।

राउत ने सवाल किया था, ‘‘ लेकिन पैसे कहां से आये?’’

शिरसाट ने कहा कि उन्हें बदनाम करने के लिए उन पर ये आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने पूछा, ‘क्या हमारे बच्चों को व्यवसाय नहीं करना चाहिए…?’

भाषा राजकुमार पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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