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Thursday, 10 April, 2025
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दिल्ली हिंसा में पुलिस के खिलाफ जांच को लेकर आरोप ‘दुर्भावना से प्रेरित’ हो सकते हैं: एस एन श्रीवास्तव

छात्र कार्यकर्ताओं, फिल्मकारों और नागरिक संस्थाओं समेत संगठनों ने जांच को लेकर पुलिस की आलोचना की थी. श्रीवास्तव ने कहा कि लॉकडाउन है या नहीं, कानून-व्यवस्था के मुद्दों को सावधानी से निपटना होगा.

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नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस के आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने कहा है कि उत्तर पूर्व दिल्ली में हुई हिंसा की जांच को लेकर पुलिस के खिलाफ लगे आरोप ‘दुर्भावना से प्रेरित’ हो सकते हैं. राष्ट्रीय राजधानी में उत्तर पूर्व के कुछ हिस्सों में फरवरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गये थे.

छात्र कार्यकर्ताओं, फिल्मकारों और नागरिक संस्थाओं समेत संगठनों ने जांच को लेकर पुलिस की आलोचना की थी. श्रीवास्तव ने कहा कि लॉकडाउन है या नहीं, कानून-व्यवस्था के मुद्दों को सावधानी से निपटना होगा.

उन्होंने फोन पर कहा, ‘आप ऐसे कई आरोपों के दुर्भावना से प्रेरित होने की उम्मीद कर सकते हैं और ये उन लोगों से आ सकते हैं जिनके पास झूठे आरोप लगाने के कारण हो सकते हैं.’

श्रीवास्तव ने कहा कि दिल्ली पुलिस ‘विश्वसनीय बल’ है जिसने उत्तर पूर्व दिल्ली हिंसा को लेकर ‘पूरी जिम्मेदारी के साथ’ और ‘बहुत निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से’ जांच की. बल के खिलाफ सवाल उठाने वालों के लिए उन्होंने कहा कि पुलिस के पास किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने की शक्ति है, लेकिन 24 घंटे के भीतर, उसे अदालत में पेश करने की आवश्यकता होती है.

पुलिस आयुक्त ने कहा कि उत्तर पूर्व दिल्ली हिंसा में हुई गिरफ्तारियों के लिये अदालत ने मंजूरी दी. उन्होंने कहा कि अगर पुलिस के खिलाफ आरोप हैं तो ऐसे आरोप अदालतों पर भी लगाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे किसी व्यक्ति को 24 घंटे के बाद गिरफ्तार नहीं रख सकते, जब तक कि संबद्ध अदालत की मंजूरी नहीं हो.

उन्होंने कहा, ‘तो क्या अदालतें भी प्रभावित हैं. ऐसी स्थिति नहीं है.’ उत्तर पूर्व दिल्ली हिंसा के सिलसिले में कई छात्रों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा था.

किसी खास गिरफ्तारी का उल्लेख किए बिना श्रीवास्तव ने दोहराया कि सारी गिरफ्तारियों को अदालत की मंजूरी प्राप्त है. उन्होंने कहा, ‘आप अदालत के खिलाफ कैसे आरोप लगा सकते हैं. आरोप लगाना बेहद आसान है, लेकिन उसे सिद्ध करने की आवश्यकता होती है. इसलिये अगर ये कानूनी बातें हैं तो सोशल मीडिया में जाने की बजाय अदालत सबसे अच्छी जगह है। इसे कानूनी तरीके से उठाएं.’

दिल्ली पुलिस ने हाल में कहा था कि उसने दंगों से संबंधित 78 मामलों में आरोप पत्र दायर किये हैं, जिसमें 410 लोगों-205 हिंदुओं, 205 मुसलमानों के नाम हैं.

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