आइजोल, 18 सितंबर (भाषा) म्यांमा में जारी राजनीतिक संकट की वजह से मिजोरम में ‘‘ तस्करी की गतिविधियों में वृद्धि हुई है’’ जिसका नतीजा है कि पूर्वोत्तर के इस राज्य में मादक पदार्थों और विदेशी जानवरों की प्रजातियों की जब्ती बढ़ गई है। यह दावा यहां के अधिकारियों ने रविवार को किया।
‘पीटीआई-भाषा’ के पास उपलब्ध राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020 में 20.36 किलोग्राम हेरोइन की बरामदगी हुई थी जो पिछले साल बढ़कर 34.52 किलोग्राम हो गई।
आंकड़ों के मुताबिक इस साल जनवरी से मई के बीच 19.81 किलोग्राम हेरोइन जब्त की जा चुकी है जबकि 374 लोगों को मादक पदार्थ रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
आबकारी विभाग के अधिकारी ने पहचान न जाहिर करने का अनुरोध करते हुए बताया कि पिछले साल म्यांमा में सैन्य शासन स्थापित होने के बाद से कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा मादक पदार्थों और विदेशी वन्य जीव, सुपारी, बर्मा निर्मित सिगरेट जैसे सामान को जब्त किए जाने के मामले बढ़ गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई आशंका नहीं है कि म्यांमा में राजनीतिक संकट से मादक पदार्थ की तस्करी, खासतौर पर हेरोइन की मिजोरम के रास्ते भारत में तस्करी करने की घटना बढ़ी है। ”
अधिकारी ने बताया कि हाल में तस्करी में संलिप्त म्यांमा के कुछ नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य की विभिन्न एजेंसियां तस्करी गिरोह के सरगनाओं को पकड़ने का प्रयास कर रही हैं।
मिजोरम के पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) जॉन निहालिया ने कहा कि जब्ती के मामलों में वृद्धि और हेरोइन की कीमतों में कमी का संबंध भी म्यांमा राजनीतिक संकट से है।
उन्होंने बताया कि मादक पदार्थ के साथ गिरफ्तार होने वाले म्यांमा के नागरिकों की संख्या भी बढ़ी है, वर्ष 2021 में जहां म्यांमा के 12 नागरिक मादक पदार्थ तस्करी के आरोप में पकड़े गए थे वहीं इस साल अगस्त तक ही पड़ोसी देश के 35 नागरिकों को पकड़ा जा चुका है।
भाषा धीरज प्रशांत
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