जयपुर, 11 फरवरी (भाषा) राजस्थान के भाजपा विधायकों ने रीट परीक्षा मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग को लेकर राज्य विधानसभा में प्रदर्शन और नारेबाजी शुक्रवार को तीसरे दिन भी जारी रखी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने गतिरोध तोड़ने के लिए सत्ता पक्ष व विपक्ष से बात भी की लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला।
सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सदन में कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा को तैयार है लेकिन मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने से इनकार किया। सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। भाजपा विधायक ‘रीट की सीबीआई जांच करवाओ’ लिखी तख्तियां लेकर सदन में पहुंचे और उन्होंने बांह पर काली पट्टी भी बांध रखी थी। सदन की कार्यवाही से निलंबित किए गए भाजपा के चार विधायक भी सदन में मौजूद थे। जोशी ने इस पर आपत्ति भी जताई और प्रश्नकाल की कार्यवाही, भाजपा विधायकों की नारेबाजी व हंगामे के बीच ही पूरी करवा दी।
भाजपा विधायकों ने प्रश्नकाल की प्रक्रिया में भाग नहीं लिया। इस पर अध्यक्ष जोशी ने उनके सदस्यों की ओर पूछे गए प्रश्नों में पूरक प्रश्न खुद पूछे। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि रीट पेपर लीक प्रकरण मामले में जांच इस प्रकार से होनी चाहिए कि दोषी चाहे किसी भी तरफ को हो वह पकड़ में आए। इसके साथ ही उन्होंने बृहस्पतिवार को केवल भाजपा के विधायकों के निलंबन पर आपत्ति जताई और कहा इस मामले में सत्ता पक्ष के विधायक भी शामिल थे। अध्यक्ष वीडियो फुटेज देखकर कार्यवाही करें।
वहीं संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा,‘‘हम चर्चा को तैयार हैं। हम भी आपके समय में जो कारनामे हुए उनमें से एक-एक को गिनाएंगे। आपने कितनी जांच सीबीआई को दी हैं। यह सब राजनीति है जो दिल्ली के इशारे पर लोग कर रहे हैं।’ हालांकि इसके बाद विधायकों के निलंबन का गतिरोध तोड़ने के लिए अध्यक्ष के चैंबर में अलग से चर्चा पर सहमति बनी और कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित की गई।
भाजपा राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) 2021 में कथित गड़बड़ी की जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर रही है।
भाषा पृथ्वी संतोष
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