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Tuesday, 5 November, 2024
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मैरिटाइम शिपिंग में 6 लाख करोड़ का होगा निवेश, बंदरगाहों का किया जाएगा विकास: पीएम मोदी

समुद्री नौवहन क्षेत्र पर आयोजित शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुये प्रधानमंत्री ने भारतीय बंदरगाहों, जलपोत कारखानों और जलमार्गों में निवेश के लिये वैश्विक निवेशकों को आमंत्रित किया.

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नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि देश में समुद्री नौवहन (मैरिटाइम शिपिंग) क्षेत्र के विकास में 2035 तक विभिन्न परियोजनाओं में 82 अरब डॉलर यानी छह लाख करोड़ का निवेश किया जायेगा. बंदरगाहों के विकास के साथ ही जलमार्गों का विकास और लाइटहाउस के आसपास पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये कदम उठाये जायेंगे.

समुद्री नौवहन क्षेत्र पर आयोजित शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुये प्रधानमंत्री ने भारतीय बंदरगाहों, जलपोत कारखानों और जलमार्गों में निवेश के लिये वैश्विक निवेशकों को आमंत्रित किया.

मोदी ने कहा कि सागरमाला परियोजना के तहत 574 से अधिक परियोजनाओं की पहचान की गई है. इन पर 82 अरब डॉलर यानी छह लाख करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. इन परियोजनाओं पर 2015 से 2035 के बीच काम पूरा किया जाना है.

उन्होंने कहा कि सरकार अगले दस साल में देश में 23 जलमार्गों को परिचालन में लाने पर काम कर रही है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की तटीय सीमा के साथ 189 प्रकाशस्तंभ हैं इनमें से सरकार 78 प्रकाशस्तंभ के आसपास पर्यटन का विकास करने की योजना पर काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि सरकार इसके साथ ही समुद्री नौवहन क्षेत्र में स्वच्छ अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल को भी बढ़ावा दे रही है. ‘हम देशभर में सभी प्रमुख बंदरगाहों पर सौर और पवन ऊर्जा आधारित विद्युत प्रणाली स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं. हम 2030 तक सभी बंदरगाहों में इस्तेमाल होने वाली कुल बिजली में से 60 प्रतिशत से अधिक बिजली नवीनीकरण ऊर्जा से इस्तेमाल में लाने का उद्देश्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं.’

मोदी ने कहा कि भारतीय बंदरगाहों पर माल लेकर आने और जाने वाले जलयानों को अब अधिक प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती है. उन्होंने कहा, ‘भारत समुद्री नौवहन क्षेत्र में विकास को लेकर बहुत गंभीर है, इसके साथ ही भारत अब दुनिया की समुद्री अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में एक प्रमुख ताकत के तौर पर उभर रहा है.’


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