कोलकाता, 24 सितंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता और आसपास के इलाकों में हुई भारी बारिश में मंगलवार को कम से कम 11 लोगों की मौत हुई है, जबकि बुधवार को मौसम में सुधार के साथ शहर में जनजीवन सामान्य हो गया। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को दी।
कई इलाके, खासकर पटुली, संतोषपुर, बैलीगंज, साल्ट लेक और शहर के उत्तरी व मध्य भागों के कुछ हिस्से अब भी जलमग्न हैं।
अधिकारी ने बताया कि मंगलवार से शहर में बिजली का करंट लगने से नौ लोगों की मौत हुई है, जबकि पड़ोसी जिलों में दो लोगों की मौत हुई है।
बिजली का करंट लगने से मंगलवार तक 10 लोगों की मौत की खबर थी, जिनमें से एक व्यक्ति की मौत पास के एक जिले में हुई थी। अधिकारी ने बताया कि बुधवार को दक्षिण 24 परगना जिले के राजपुर-सोनारपुर में एक और व्यक्ति की मौत की सूचना मिली है।
कोलकाता और आसपास के निचले इलाकों से रात भर पानी निकाला गया, लेकिन जलभराव वाले पाटुली, संतोषपुर, बैलीगंज और बिधाननगर को छोड़कर अधिकांश इलाकों में जनजीवन सामान्य हो गया है।
कई पूजा पंडालों में अब भी पानी भरा हुआ है, जबकि त्योहार शुरू होने में बस कुछ ही दिन बाकी हैं। अधिकारियों ने कहा कि पानी धीरे-धीरे कम होने लगा है, लेकिन त्योहारी सीजन से पहले सामान्य जनजीवन बहाल करना प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है।
रात भर हुई मूसलाधार बारिश ने मंगलवार को कोलकाता और आसपास के जिलों को असहाय स्थिति में पहुंचा दिया, हवाई, रेल-मेट्रो और सड़क परिवहन ठप हो गया, शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए और राज्य सरकार को स्कूलों में पूजा की छुट्टियां पहले ही करनी पड़ीं।
कोलकाता में 24 घंटे से कम समय में 251.4 मिमी बारिश का दर्ज किया जाना 1986 के बाद से बारिश का सबसे अधिक आंकड़ा है। यह आंकड़ा पिछले 137 वर्षों में छठवां सबसे अधिक एकल-दिवसीय वर्षा का आंकड़ा है। इसके पूर्व इससे अधिक बारिश 1978 में 369.6 मिमी, 1888 में 253 मिमी और 1986 में 259.5 मिमी दर्ज की गई थी।
मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटे के दौरान शहर में भारी बारिश की संभावना से इनकार किया है, लेकिन उसने अधिकतर स्थानों पर बादल छाए रहने तथा कुछ स्थानों पर गरज और तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान जताया है।
भाषा संतोष वैभव
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