बेंगलुरु, पांच सितंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने ‘धर्मस्थल’ में कई हत्याओं, बलात्कार और शवों को दफनाने के आरोपों की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराने की मांग को तवज्जो नहीं देते हुए शुक्रवार को कहा कि मामले की जांच राज्य पुलिस पहले से ही एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के जरिये कर रही है।
मुख्यमंत्री, हिंदू और जैन संतों द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर मामले की एनआईए जांच कराने की मांग के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘हमने एसआईटी गठित की है, वे पुलिस हैं। एनआईए में कौन है? वे भी पुलिस हैं।’’
राज्य में विपक्षी भाजपा और जद(एस) ने भी मामले से निपटने के तरीके को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए एनआईए जांच की मांग की है।
उन्होंने धर्मस्थल और स्थानीय हिंदू मंदिर को ‘‘बदनाम करने वाले अभियान’’ के पीछे साजिश होने का आरोप लगाया।
विवाद उस वक्त शुरू हुआ, जब एक शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उसने पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में कई शवों को दफनाया है, जिनमें यौन उत्पीड़न की गईं महिलाएं भी शामिल हैं और इसके पीछे स्थानीय मंदिर के प्रशासकों की भूमिका होने की ओर इशारा किया गया।
शिकायतकर्ता की बाद में पहचान सी एन चिन्नैया के रूप में हुई और उसे झूठी गवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने नेत्रवती नदी के किनारे वन क्षेत्रों में शिकायतकर्ता द्वारा चिह्नित कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया और खुदाई की, जहां दो स्थानों पर मानव कंकाल के अवशेष बरामद किये गए।
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