नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 32 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के सिलसिले में दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट एक होटल से सिंगापुर के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पहुंचने की सूचना मिलने के बाद राजेश बोथरा नामक व्यक्ति को एजेंसी ने पकड़ लिया।
सीबीआई के एक बयान के अनुसार धोखाधड़ी का मामला पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की उस शिकायत के बाद सामने आया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि ‘फ्रॉस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड’ (एफआईईएल), इसके निदेशकों, अज्ञात लोक सेवकों और अन्य लोगों द्वारा 31.60 करोड़ रुपये की ठगी की गई।
एजेंसी ने कहा कि एफआईईएल ने जाली बिल प्रस्तुत करके साख पत्र (लेटर ऑफ क्रेडिट) की रकम को हड़प लिया, जिसमें एफआईईएल और बोथरा की दो कंपनियों – फारेस्ट और ‘गल्फ डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड’ के बीच धोखाधड़ी से व्यापार दर्शाया गया।
इसने कहा कि यह आरोप लगाया गया कि कंपनी ने बैंक से विदेशी ऋण पत्र (एफएलसी) सीमा का लाभ उठाकर बैंक से धोखाधड़ी की।
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अब तक की जांच से पता चला है कि बोथरा ने फर्जी बिल उपलब्ध कराकर और एफआईईएल के फारेस्ट और ‘गल्फ डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड’ के साथ गलत तरीके से खरीद-बिक्री के लेन-देन दिखाकर एफआईईएल और उसके निदेशकों के साथ साजिश में सक्रिय भूमिका निभाई।’’
प्रवक्ता के अनुसार एफआईईएल द्वारा बैंक को फर्जी बिल प्रस्तुत किए गए, जिसके माध्यम से कंपनी ने एलसी की राशि निकाल ली, जिससे पीएनबी को लगभग 32 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
सीबीआई के बयान में कहा गया है, ‘‘जांच से पता चला है कि फारेस्ट और ‘गल्फ डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड’ वास्तव में बोथरा द्वारा नियंत्रित और संचालित थे, और कोई वास्तविक व्यापार या माल की आवाजाही नहीं हुई थी, जैसा कि जाली बिलों में फर्जी तरीके से दिखाया गया है।’’
बोथरा सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा, लखनऊ के अन्य मामलों में भी आरोपी हैं तथा इनमें से कुछ मामलों में अन्य आरोपियों के साथ उसके खिलाफ भी आरोप-पत्र दाखिल किया गया है।
बयान में कहा गया है, ‘‘वह इन मामलों की जांच में कभी शामिल नहीं हुआ और न ही मुकदमे के दौरान पेश हुआ। वह कई अन्य बैंक धोखाधड़ी और आर्थिक अपराध मामलों में भी वांछित है।’’
भाषा
देवेंद्र पवनेश
पवनेश
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