बेंगलुरु, 16 अप्रैल (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ कथित धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा आरोप पत्र दायर किए जाने को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिशोध की राजनीति करार दिया।
सिद्धरमैया ने कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम बताता है कि वह लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले असहमति के स्वरों को बर्दाश्त नहीं कर सकती।
एक बयान में उन्होंने आरोप लगाया, ‘वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी द्वारा आरोप पत्र दायर किया जाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिशोध की राजनीति का एक और अध्याय है।’
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कांग्रेस के दो नेताओं के खिलाफ बदले की कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह विपक्षी दलों और लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले नागरिकों के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है कि असहमति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी, जो लंबे समय से इस तरह की घृणा की राजनीति का सामना कर रही है, एक बार फिर सत्य और न्याय की ताकत से जवाब देगी।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘मोदी सरकार ने ईडी का लंबे समय से राजनीतिक हथियार के रूप में दुरुपयोग किया है ताकि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा सके। अब एक बार फिर ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में तथाकथित वित्तीय अनियमितताओं के निराधार आरोपों के माध्यम से राजनीतिक प्रतिशोध की मुहिम चलाई जा रही है।’
सिद्धरमैया ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर की जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘ईडी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को जांच के नाम पर बार-बार परेशान किया और मानसिक दबाव डाला। अब जब कोई सबूत नहीं मिला तो ईडी पूरी तरह से झूठे कथानकों के आधार पर आरोप पत्र दायर करने पर उतर आई है।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता तानाशाही के खिलाफ सड़कों पर उतरेगा।
सिद्धरमैया ने कहा कि जांच एजेंसी द्वारा किया जा रहा उत्पीड़न केवल एक पार्टी का मामला नहीं है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले हर नागरिक से जुड़ा विषय है।
भाषा
राखी मनीषा
मनीषा
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