कोलकाता: पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में अपराधियों ने 52 साल के एक दुकानदार की गोली मारकर हत्या कर दी. जान गंवाने वाले व्यक्ति को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपना सदस्य बताया है. पुलिस ने शनिवार को बताया कि हरलाल देबनाथ परचून की एक दुकान चलाता था. शुक्रवार रात राणाघाट पुलिस थाने के अंतर्गत हबीबपुर में गोली मारकर दुकानदार की हत्या कर दी गई.
पीड़ित की पत्नी चंदना देबनाथ ने कहा कि दो हमलावर दुकान पर आए और उन्होंने कुछ समान मांगा और जब वह उनके लिए सामान निकाल रहा था. तब उन्होंने हरलाल पर गोलीबारी की और इसके बाद वो वहां से फरार हो गए. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘अपराधियों का पता लगाने और हत्या के मकसद की जांच जारी है.’
राणाघाट के सांसद जगन्नाथ सरकार ने कहा कि देबनाथ 1996 से ही भाजपा में सक्रिय था. सरकार ने कहा, ‘1996 से ही वह हमारे राणाघाट की अखंड मंडल कमेटी का सदस्य था. उसके बाद दबाव के कारण वह कुछ समय के लिए इससे दूर हो गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव में उसने फिर से हमारी पार्टी के लिए सक्रिय रूप से प्रचार किया था.’
उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक हत्या का एक स्पष्ट मामला है और इस हत्या के लिए तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है.
हालांकि, तृणमूल ने किसी तरह का संबंध होने से इंकार किया है और कहा है कि पीड़ित का हाल में भाजपा से कोई नाता नहीं था.
हाल में हुई एक और हत्या से बंगाल में बवाल
हाल ही में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के जियांग कस्बे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता की परिवार समेत विभत्स हत्या कर दी गई थी.
जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार में सात साल का बेटा और गर्भवती पत्नी भी थी. यह हत्या विजयादशमी के दिन हुई थी.
पुलिस अभी तक इस हत्या के पीछे किसी तरह के राजनीतिक कारणों के होने का पता नहीं लगा पाई है. हालांकि, इस मुद्दे को लेकर राज्य की राजनीति में उबाल है. घटना के दौरान बंधु प्रकाश (35), उनकी पत्नी ब्यूटी पाल (30) और बेटे आर्य के साथ खून से लथपथ पाए गए थे.
बंधु प्रकाश पाल स्कूल में अध्यापक थे और इसके अलावा मल्टी-लेवल मार्केटिंग बिजनेस भी चलाते थे. पाल की पत्नी हाउस वाइफ थीं और हत्या के समय वो गर्भवती थी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘अभी तक इस हत्या के पीछे किसी राजनीतिक कारणों का पता नहीं चला है और न ही इसका कोई सबूत ही मिला है.’
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मुर्शिदाबाद के एसपी मुकेश कुमार ने बताया, ‘अभी तक राजनीतिक हिंसा का कोई सबूत नहीं मिला है. परिवार के तीन लोगों की हत्या की गई है. यह मामला हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है.’
सोशल मीडिया पर हो रहा विवाद
पीड़ित परिवार की कुछ तस्वीरें और हत्या के समय की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. कुछ दक्षिणपंथी ग्रुप द्वारा इन तस्वीरों का वायरल किया जा रहा है और इस घटना को राजनीतिक और सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश की जा रही है.
आरएसएस के राज्य ईकाई के सचिव जिश्नु बोस ने बताया, ‘पाल अपने क्षेत्र में होने वाले साप्ताहिक मिलन कार्यक्रम में आते थे. पिछले कुछ महीनों से वो संघ के कार्यक्रम में आ रहे थे. उनकी हत्या की ख़बर सुनने के बाद हम अचंभित है. बच्चे को भी नहीं छोड़ा गया.’
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने इस घटना को राज्य में पूरी तरह से कानून व्यवस्था का ठप होना बताया. कुछ नेता इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन, कांग्रेस पार्टी इस मामले में राज्य सरकार का समर्थन कर रही है.
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘हम इस मामले में किसी भी तरह की सांप्रदायिकता को नहीं देखते हैं. इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है. ताकि शांति को खराब किया जाए.’
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इस मामले को देखते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक बयान जारी किया है. राज्यपाल ने इस विभत्स घटना के निंदा की है. बयान के अनुसार, ‘यह घटना चौंकाने वाली है और कानून व्यवस्था की चिंताजनक स्थिति को दिखाती है.’
(आईएएनएस इनपुट्स के साथ )