गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मंगलवार को कहा कि धुबरी जिले में सांप्रदायिक हिंसा के बाद 13 जून से लागू रात में ‘‘देखते ही गोली मारने’’ के आदेश दुर्गा पूजा के दौरान भी जारी रहेंगे.
शर्मा ने कहा कि धुबरी में सनातन धर्म के लोग अल्पसंख्यक हैं और कट्टरपंथियों से उनकी रक्षा सरकार की प्राथमिकता है. कोकराझार में एक कार्यक्रम के इतर शर्मा ने कहा, ‘‘देखते ही गोली मारने के आदेश वापस नहीं लिए गए हैं और जारी रहेंगे.’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि धुबरी में कोई अशांति या हिंसा की घटना नहीं हुई है, लेकिन दुर्गा पूजा के दौरान देखते ही गोली मारने के आदेश जारी रहेंगे.
इस साल यह उत्सव 28 सितंबर से दो अक्टूबर तक मनाया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘धुबरी में अशांति फैलाने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.’’
मुख्यमंत्री ने 13 जून को धुबरी का दौरा किया था और घोषणा की थी कि बांग्लादेश की सीमा से लगे जिले में रात में देखते ही गोली मारने के आदेश लागू होंगे, क्योंकि एक सांप्रदायिक समूह गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश कर रहा है, जिसे सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी.
उन्होंने 10 दिन बाद फिर से जिले का दौरा किया और कहा कि 13 जून से अब तक 150 से अधिक असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 11 राज्य के बाहर के हैं.
बकरीद के अगले दिन जिला मुख्यालय में हनुमान मंदिर के सामने एक गाय की खोपड़ी मिली. सांप्रदायिक अशांति के बीच हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के सदस्यों ने शांति और सद्भाव की अपील की.
हालांकि, अगले दिन फिर से मंदिर के सामने एक गाय का सिर रखा मिला और पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आईं. 8 जून को, शर्मा ने कहा था कि बकरीद के त्योहार के दौरान कई जगहों पर कथित तौर पर अवैध रूप से मवेशियों का वध किया गया और मांस के कुछ हिस्से असम में कई जगहों पर फेंके गए.
सरमा ने कहा कि सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने और सभी सांप्रदायिक ताकतों को हराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.