मैसुरु, 25 मई(भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने रविवार को सवाल उठाया कि क्या रामनगर का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण जिला करने का राज्य सरकार का फैसला ‘रियल एस्टेट’ को ध्यान में रखकर लिया गया है।
उन्होंने दावा किया कि राज्य के लोग पूछ रहे हैं कि उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार क्यों एक ‘‘रियल एस्टेट एजेंट’’ की तरह व्यवहार कर रहे हैं।
विजयेंद्र ने राज्य सरकार और शिवकुमार से सवाल किया कि क्या रामनगर का नाम इसलिए बदला गया क्योंकि इसमें ‘‘राम’’ शब्द शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि नाम बदलने के पीछे की मंशा का पता तब चलेगा जब यह जानकारी सामने आएगी कि किस व्यक्ति के पास कितनी संपत्ति है।
कर्नाटक मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को रामनगर जिले का नाम बदलकर ‘बेंगलुरु दक्षिण’ करने को मंजूरी दी थी। बेंगलुरु शहर से करीब 50 किमी दूर रामनगर, नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण किये गए जिले का मुख्यालय बना रहेगा, जिसमें मगदी, कनकपुरा, चन्नापटना और हारोहल्ली तालुक भी शामिल होंगे।
विजयेंद्र ने सवाल किया, ‘‘ राज्य के लोग, जिनमें रामनगर के लोग भी शामिल हैं, सवाल कर रहे हैं कि शिवकुमार एक रियल एस्टेट एजेंट की तरह क्यों व्यवहार कर रहे हैं, यह भूलकर कि वह राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं। क्या शिवकुमार को रामनगर के बारे में हीन भावना है? अगर रामनगर का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण नहीं किया जाता तो क्या विकास नहीं हो सकता? उन्होंने ऐसा फैसला क्यों लिया?’’
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने यहां संवाददाताओं से कहा कि रामनगर जिले का नाम, जिसका अपना इतिहास है, किसी की मर्जी से बदलना जिले के लोगों का अपमान है।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘अगर रामनगर का नाम बदलकर बेंगलुरु के नाम पर रख देने से ही विकास हो सकता है, तो क्या यह रियल एस्टेट का विकास है? क्या सरकार रियल एस्टेट के लिए है? इस सरकार की प्राथमिकताएं क्या हैं? क्या डी.के. शिवकुमार को रामनगर नाम इस्तेमाल करने में शर्म आती है? क्या उन्हें इसलिए शर्म आती है क्योंकि इसमें ‘राम’ शब्द है?’’
विजयेंद्र ने कहा कि सरकार ने अभिनेत्री तमन्ना भाटिया को दो साल के लिए कर्नाटक सोप्स एंड डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त करने का फैसला किया है, जिसके लिए उन्हें 6.2 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने इसे एक ‘गंभीर मुद्दा’ बताया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘‘एक अभिनेत्री को छह करोड़ रुपये देने से ज़्यादा महत्वपूर्ण है इस राज्य की जमीन, संस्कृति और परंपराओं की रक्षा करना और उनका पोषण करना। केएसडीएल को कांग्रेस सरकार ने नहीं स्थापित किया था; इसे 1916 में मैसूर के दूरदर्शी महाराजा सोच की वजह से स्थापित किया गया। क्या उन्हें कर्नाटक से कोई ऐसा व्यक्ति नहीं मिला जो ब्रांड एंबेसडर बन सके?’’
भाषा धीरज प्रशांत
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