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Thursday, 21 November, 2024
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शिवसेना ने फिर मारी पल्टी, नहीं होगी राष्ट्रपति से मिलने जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा

शिवसेना नेता संजय राउत ने स्पष्ट किया कि राष्ट्र​पति से मिलने जाने वाले विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल का शिवसेना हिस्सा नहीं हैं.उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में नहीं जानता हूं.

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नई दिल्ली: नागरिकता कानून के खिलाफ विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को राष्ट्रपति भवन तक मार्च कर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेगा. यह मुलाकात मंगलवार शाम 4.30 बजे होगी. इस दौरान सभी विपक्षी दल नागरिकता कानून को लेकर अपनी चिंता और राय को राष्ट्रपति के समक्ष रखेंगे लेकिन शिवसेना ने एक बार फिर सभी विपक्षी दलों को झटका दे दिया है. पार्टी ने राष्ट्रपति से मिलने जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया है.

शिवसेना ने नागरिकता संशोधन बिल का लोकसभा में समर्थन किया था लेकिन राज्यसभा में वोटिंग से वॉकआउट कर गई थी. इस दौरान सदन में बिल पर बहस के दौरन संजय राउत ने गृहमंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना भी साधा था.

शिवसेना नेता संजय राउत ने स्पष्ट किया कि राष्ट्र​पति से मिलने जाने वाले विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल का शिवसेना हिस्सा नहीं है. उन्होंने कहा कि ‘मैं इस बारे में नहीं जानता हूं. महाराष्ट्र में नागरिकता संशोधन कानून लागू करने के सवाल पर राउत ने कहा कि इसका फैसला महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कैबिनेट बैठक में करेंगे.’


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मुखपत्र सामना में केंद्र सरकार पर हमला

वहीं शिवसेना ने मुखपत्र सामना में मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. मंगलवार को ‘दवाइयां महंगी मरना हुआ सस्ता’ नाम से लिखी गई संपादकीय में केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए है. दवाइयों के दामों में 50 प्रतिशत तक की गई वृद्धि पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए लिखा है कि सरकार के इस कदम से आम इंसान का जीना महंगा और मरना सस्ता हो गया है.

सामना में लिखा है ‘देश में पहले से ही अनाज, सब्जियों, दूध, फल आदि के दाम बढ़ हुए हैं. ऐसे में अब 509 दवाइयों की कीमतें बढ़ा दी गईं. इनमें छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों के काम आने वाली दवाइयां भी शामिल हैं. बीसीजी टीका, डैटासोन, विटामिन सी, मेट्रोनिशजोन जैसी लगभग 21 दवाइयों की कीमतें 50 फीसद बढ़ा दी गई हैं.’

संपादकीय में केंद्र सरकार पर वार करते हुए लिखा है, ‘सरकार एक तरफ देश की 50 करोड़ गरीब जनता के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने का श्रेय लेती है और दूसरी तरफ जरूरी दवाइयों को महंगा करके गरीबों का जीना मुश्किल कर देती है. अनाज महंगा हो गया तो जीना टाल दो और जीवनावश्यक दवाइयां महंगी हो गई हैं इसलिए मौत को पास बुलाओ, सरकार ऐसा कहना चाहती है क्या? इस देश में मरना दवाइयों की महंगाई ने और सस्ता कर दिया है.

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