मुंबई : शिवसेना ने मंगलवार को दावा किया कि सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल सुनियोजित तरीके से मुंबई और महाराष्ट्र को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है.
शिवसेना ने ‘सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय में लिखा है कि पिछले पांच से छह वर्षों से सोशल मीडिया पर ‘गॉसिप’ (गपशप) के नाम पर अपमानजनक टिप्पणी की जा रही है और इस पर कोई अंकुश नहीं है.
शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र और मराठी ऐसी स्थिति पिछले कुछ दिनों से अनुभव कर रहे हैं.
संपादकीय में बिना किसी घटना का उल्लेख किये कहा गया है, ‘सोशल मीडिया का इस्तेमाल सुनियोजित तरीके से मुंबई और महाराष्ट्र को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है. यदि कोई ऐसे गॉसिप (गपशप) का जवाब देता है तो व्यक्ति (उपयोगकर्ता) की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर चिंता जतायी जाती है.’
इसमें उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एन वी रमण द्वारा हाल में की गई टिप्पणी का उल्लेख किया गया जिसमें उन्होंने कहा था, ‘इन दिनों न्यायाधीश ‘मसालेदार गपशप’ और ‘निंदात्मक सोशल मीडिया पोस्ट’ का सामना कर रहे हैं क्योंकि वे खुद अपना बचाव करने से बचते हैं.’
उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने कहा कि न्यायमूर्ति रमण ने जो कुछ कहा, वह सही ही है और थोड़े-बहुत फर्क के साथ आज हर क्षेत्र में यही स्थिति है.
शिवसेना की यह टिप्पणी उसके कार्यकर्ताओं द्वारा एक नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी को हाल में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का एक कार्टून सोशल मीडिया पर प्रसारित करने के लिए मुंबई में पीटे जाने की पृष्ठभूमि में आया है.
साथ ही शिवसेना हाल में बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ वाकयुद्ध में लिप्त रही है जिन्होंने एक ट्वीट करके मुंबई की तुलना पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर से की थी.
शिवसेना महाराष्ट्र में राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर सत्ता में है. शिवसेना ने कहा कि कुछ मशीनरी को ‘झूठी आलोचना’ का सरकारी दायित्वों के कारण लाचार होकर सामना करना पड़ता है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि सोशल मीडिया उपयोगकर्ता इसका दुरुपयोग करें.
पार्टी ने यह भी सवाल किया कि क्या सोशल मीडिया उपयोगकर्ता समझ की परिपक्वता दिखाएंगे जो न्यायमूर्ति रमण ने कही है.
Wrong statement: it is to make the you understand that you are not experienced administrator. You were never an administrator.