मुंबई/सूरत, 21 जून (भाषा) महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार संकट में नजर आ रही है, क्योंकि शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे और कुछ विधायक एकांतवास में चले गए हैं और उन्होंने संभवत: सूरत के एक होटल में डेरा डाल लिया है।
एक दिन पहले संपन्न विधान परिषद चुनाव में ‘क्रॉस-वोटिंग’ होने की आशंकाओं के बीच उनके इस कदम से राज्य में सत्तारूढ़ महा विकास आघाडी (एवीए) की स्थिरता सवालों के घेरे में आ गई है।
हालांकि, शिंदे ने फिलहाल अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। इस बीच, महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने महाराष्ट्र के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम से उनकी पार्टी का कोई भी संबंध होने से इनकार किया है। तथापि, उन्होंने कहा है कि अगर शिंदे सरकार बनाने का प्रस्ताव लेकर आते हैं तो भाजपा इस पर ‘जरूर विचार करेगी।’
वहीं, दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में तीसरी बार सरकार गिराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह शिवसेना का आंतरिक मामला है और उद्धव ठाकरे स्थिति को संभाल लेंगे।
महाराष्ट्र की 288 सदस्सीय विधानसभा में भाजपा के 106, शिवसेना के 55, राकांपा के 53, कांग्रेस के 44, बहुजन विकास आघाडी के तीन और समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम व प्रहार जनशक्ति पार्टी के दो-दो विधायक हैं।
वहीं, मनसे, माकपा, पीडब्लूपी, स्वाभिमानी पक्ष, राष्ट्रीय समाज पार्टी, जनसुराज्य शक्ति पार्टी और क्रांतिकारी शेतकारी पक्ष के पास राज्य विधानसभा में एक-एक विधायक हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में निर्दलीय विधायकों की संख्या 13 है।
एमवीए के अन्य घटक दलों, राकांपा और कांग्रेस के नेताओं ने हालांकि दावा किया कि राज्य सरकार की स्थिरता पर कोई खतरा नहीं मंडरा रहा है।
वहीं, शिवसेवा सांसद संजय राउत ने कहा कि शिंदे से संपर्क हो गया है। उन्होंने शिंदे को ‘बालासाहेब ठाकरे के वफादार शिवसैनिक’ के रूप में वर्णित किया।
शिंदे और शिवसेना के कुछ अन्य विधायकों के अचानक गायब हो जाने के बाद उद्धव को मुंबई में अपने आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ पर पार्टी नेताओं तथा विधायकों की आपात बैठक बुलानी पड़ी।
शिंदे के साथ डेरा डालने वाले विधायकों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन शिवसेना का उसके कई विधायकों से संपर्क टूट गया है।
वरिष्ठ राकांपा नेता और राज्य सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उनकी पार्टी के विधायक स्थिर हैं।
भुजबल और महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता नाना पटोले ने एमवीए सरकार को किसी तरह का खतरा होने की आशंकाओं को खारिज किया।
वहीं, कांग्रेस के मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा कि उनकी पार्टी शिवसेना के घटनाक्रमों पर करीबी नजर रख रही है और उन्होंने मुख्यमंत्री से बात की है तथा जरूरत पड़ी तो एमवीए की बैठक भी की जाएगी।
थोराट ने बताया कि कांग्रेस के सभी विधायकों से फिलहाल मुंबई में ही रहने के लिए कहा गया है।
विधान परिषद चुनाव में एमवीए को झटका लगने के कुछ घंटों बाद यह घटनाक्रम हुआ है, जिसके नतीजे सोमवार रात घोषित किए गए थे।
चुनाव में भाजपा ने उन पांचों सीटों पर विजय हासिल की, जिन पर उसने किस्मत आजमाई थी, जबकि उसके पास महज चार उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए जरूरी वोट थे। शिवसेना और राकांपा के खाते में दो-दो सीटें गईं। वहीं, कांग्रेस के दो उम्मीदवारों में से एक को हार का सामना करना पड़ा।
शिवसेना के एक नेता ने बताया कि शिंदे सोमवार शाम करीब पांच बजे तक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ विधान भवन में मौजूद थे।
सूत्रों के मुताबिक, शिंदे और शिवसेना के कुछ अन्य विधायक गुजरात के सूरत शहर के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं।
उन्होंने बताया कि पार्टी नेतृत्व से कथित तौर पर नाखुश शिवसेना विधायक सोमवार रात सूरत पहुंचे थे और वे ली मेरिडियन होटल में ठहरे हुए हैं।
एक सूत्र ने कहा, “महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के कुछ विधायक सूरत के एक होटल में हैं।” उसने बताया कि होटल के बाहर भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने माना कि शिंदे मुंबई में नहीं है, लेकिन उनसे संपर्क स्थापित कर लिया गया है।
कांग्रेस के एक मंत्री ने कहा कि शिंदे बीते एक हफ्ते से बेचैन हैं और दावा किया कि वह उपमुख्यमंत्री का पद चाहते हैं।
शिवसेना नीत एमवीए सरकार में वरिष्ठ मंत्री शिंदे मुंबई के उपनगरों में अच्छा-खासा प्रभाव रखते हैं। इस बीच, पुलिस ने ठाणे स्थित उनके निजी आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी है।
उधर, राउत ने राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में एमवीए सरकार को गिराने की भाजपा की कोशिशें कामयाब नहीं हो सकेंगी।
इस बीच, भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “शिंदे वाले घटनाक्रम से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि, अगर भाजपा को शिंदे से सरकार बनाने का कोई प्रस्ताव मिलता है तो हम यकीनन उस पर गंभीरता से विचार करेंगे। आखिरकार, हमने पहले भी साथ काम किया है, इसलिए उनके साथ काम करना और सरकार चलाना काफी आसान होगा।”
पाटिल ने यह भी दावा किया कि शिवसेना और भाजपा के बीच तल्ख रिश्तों के लिए पूरी तरह से राउत जिम्मेदार हैं।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया, “वह (राउत) राज्य को भी काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं… और वह किसी और की तरफ से ऐसा कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री पद साझा करने के मुद्दे को लेकर 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना ने अपने दीर्घकालिक सहयोगी भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ लिया था। शिवसेना ने तब राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में सरकार का गठन किया था।
इस पूरे प्रकरण के बीच महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के राज्यसभा सदस्य नारायण राणे ने शिंदे का समर्थन किया।
उन्होंने ट्वीट किया, “बहुत बढ़िया एकनाथ जी। आपने उचित समय पर उचित निर्णय लिया है। नहीं तो जल्द ही आपका भी आनंद दीघे जैसा हश्र हो सकता था।” ठाणे के लोकप्रिय शिवसेना नेता दीघे का 2001 में निधन हो गया था।
भाषा पारुल माधव
माधव
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