शिमला, 17 अगस्त (भाषा) शिमला नगर निगम (एसएमसी) ने कुत्तों की नसबंदी और उन्हें रेबीज रोधी टीके लगाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है।
यह अभियान 20 से 25 दिनों तक चलेगा, जिसमें गोवा, महाराष्ट्र और दिल्ली के पशु चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम शामिल होगी, जिसका नेतृत्व डॉ. डी. आर. अनिल कर रहे हैं।
एसएमसी के महापौर सुरिंदर चौहान ने रविवार को बताया कि कुत्तों को लाने और आश्रय देने के लिए चार वैन और आवास की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
यह अभियान कुत्तों के काटने की घटनाओं में वृद्धि की पृष्ठभूमि में चलाया गया है।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत आवारा कुत्तों का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाएगा, उनके व्यवहार का विवरण तैयार किया जाएगा तथा आक्रामक कुत्तों को टुटीकंडी में एक आश्रय स्थल में रखा जाएगा।
महापौर ने कहा कि प्रत्येक आवारा कुत्ते को एक यूआर कोड प्रदान किया जाएगा तथा नजर रखने के लिए उसे जीपीएस कॉलर पहनाया जाएगा।
शिमला में आवारा कुत्तों की अनुमानित संख्या 3,000 है, लेकिन सही संख्या का पता प्रत्येक आवारा कुत्ते का टीकाकरण और नसबंदी होने के बाद ही चल पाएगा।
चौहान ने दावा किया कि एसएमसी देश का पहला नगर निकाय है जिसने आवारा कुत्तों के खतरे से निपटने के लिए इतना व्यापक अभियान शुरू किया है।
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शुभम प्रशांत
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