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Monday, 4 November, 2024
होमदेश'उसके पास कभी पैसे की कमी नहीं रहेगी'- हमीरपुर में पिता ने बेटी को शादी में दिया ‘बुलडोजर’

‘उसके पास कभी पैसे की कमी नहीं रहेगी’- हमीरपुर में पिता ने बेटी को शादी में दिया ‘बुलडोजर’

पिता के पास खुद के दो बुलडोजर हैं. उन्होंने कहा, सिविल सेवा की तैयारी कर रही उनकी बेटी को अगर नौकरी नहीं मिली तो भी उसे कभी पैसों की तंगी नहीं होगी. वह इससे हर महीने 60 हजार से ज्यादा कमा सकती है.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले से यूपीएससी की अभ्यर्थी 24 साल की नेहा प्रजापति को अपने पिता से अपनी शादी के लिए एक असामान्य उपहार मिला है- एक बुलडोजर!

उनके पिता परसराम प्रजापति हमीरपुर जिले के सुमेरपुर ब्लॉक के देवगांव गांव के रहने वाले हैं. वह जानते हैं कि ऐसा आमतौर पर नहीं किया जाता है, लेकिन बेटी को बुलडोजर देने के उनके पास अपने कारण हैं.

परसराम ने दिप्रिंट से कहा कि अगर उनकी बेटी को नौकरी नहीं मिली, तो यह उसके लिए कमाई का जरिया बन सकता है. उन्होंने बताया, ‘लोग अपनी बेटियों को शादी में कार देते हैं. लेकिन मुझे लगा कि इससे तो उसे पेट्रोल या डीजल पर काफी पैसा खर्च करना पड़ जाएगा. मगर बुलडोज़र से उसे कमाई होगी.’

परसराम भारतीय सेना से रिटायर्ड सूबेदार हैं. शुक्रवार को सोशल मीडिया पर अपनी बेटी नेहा को उपहार में दिए गए बुलडोजर के वीडियो और तस्वीरों के बाद वह सुर्खियों में आ गए.

नेहा ने बी.ए. (ऑनर्स) किया हुआ है. फिलहाल वह सिविल सेवा की तैयारी कर रही है.


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15 दिसंबर भारतीय नौसेना में कार्यरत योगेंद्र उर्फ विकास प्रजापति के साथ नेहा की शादी हुई थी. दूल्हा हमीरपुर के सौखेर में रहता है. शादी के बाद जब वह घर पहुंचा तो अपनी दुल्हन के साथ ससुर की ओर से उपहार में दिया गया सजा-सजाया बुलडोजर भी उसके साथ था.

दुल्हा और दुल्हन दोनों ही मध्यवर्गीय परिवारों से हैं. दूल्हे के पिता के पास 10 बीघा जमीन है. जब दिप्रिंट नेहा के ससुर स्वामीदीन चक्रवर्ती के पास पहुंचा तो उन्होंने बताया कि बुलडोजर को पहले ही दिन से काम मिलना शुरू हो गया है.

चक्रवर्ती ने कहा, ‘इससे हमें आमदनी तो होगी ही, साथ ही हम एक ऑपरेटर के तौर पर दूसरे लोगों को भी रोजगार दे पाएंगे.’

परसराम के पास पहले से दो बुलडोजर हैं. उन्होंने दिप्रिंट से बात करते हुए कहा, ‘हर बाप यही चाहता है कि उसकी बेटी खुश रहे. हमने अपनी बेटी को लाड-प्यार से पाला और अब जब उसकी शादी हो गई तो हमें लगा कि उसकी शादीशुदा जिंदगी में भी कोई कमी नहीं रहनी चाहिए. वह सिविल सेवा की तैयारी कर रही है. लेकिन अगर उसे नौकरी नहीं भी मिलती है, तो यह उपहार (बुलडोजर) उसे कभी पैसों की कमी नहीं होने देगा.’

हमीरपुर में कंस्ट्रक्शन से जुड़ा काम चलता रहता है. बेतवा नदी के किनारे अवैध रेत खनन के लिए भी यह सुर्खियों में रहा है.

परसराम ने कहा , ‘मैं 2018 में भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुआ था. रिटायरमेंट के बाद एक जेसीबी (खुदाई करने वाला) मशीन खरीद ली थी. काम ठीक से चलने लगा तो कुछ दिनों बाद ही मैंने दूसरी जेसीबी भी खरीद ली. ड्राइवर की फीस और अन्य खर्चे काटने के बाद भी लगभग 60 से 70 हजार रुपये हर महीने कमा ही लेता हूं. हमीरपुर में पाइपलाइन बिछाने और सड़क बनाने के कई काम चल रहे हैं. मैंने सोचा कि अगर दोनों को इतनी भी आमदनी होती रहेगी तो इससे उन्हें अपना परिवार पालने में काफी मदद मिल जाएगी.’

सोशल मीडिया पर लोग नवविवाहित जोड़े को गिफ्ट किए गए बुलडोजर की वीडियो और तस्वीरें शेयर कर रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में हाल ही में बुलडोजर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के शासन मॉडल का प्रतीक बन गया है और इसकी पहचान तेजी से न्याय देने से है. सरकार ने इसका इस्तेमाल माफियाओं, अपराधियों, दंगा आरोपियों, रेप आरोपियों और अवैध रूप से बनी इमारतों के खिलाफ करने का दावा किया है. कुछ लोग इसे अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ सरकारी हथियार के तौर पर पहचानते हैं.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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