बेंगलुरू: कर्नाटक की वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी डी. रूपा मुद्गल बुधवार शाम को एक ऑनलाइन विवाद में तब फंस गई जब उन्होंने दिवाली पर पटाखों के बैन को लेकर एक बयान दिया. इसके बाद ट्विटर पर कई हैशटेग चलने लगे.
हैशटेग #ShameOnIPSRoopa और #BringBackTrueIndology – ‘TrueIndology’ (@TLinExile) नाम के यूजर के अकाउंट को सस्पेंड करने के बाद ट्विटर पर चलने लगा.
सोशल मीडिया के यूजर्स ने अकाउंट सस्पेंड होने को लेकर आईपीएस अधिकारी पर निशाना साधा. अभिनेत्री कंगना रनौत ने अधिकारी पर कार्रवाई करने तक की मांग की.
Again and again and again..@Twitter has suspended @TIinExile account yet again. Shame on you guys. Thoo.@TwitterIndia @TwitterSupport#BringBackTrueIndology #TrueIndology pic.twitter.com/rxPOuvLU6T
— Chiru Bhat | ಚಿರು ಭಟ್ (@mechirubhat) November 18, 2020
She should be suspended, such cops are a shame in the name of police force #ShameOnYouIPSRoopa we can’t let her get her evil ways #BringBackTrueIndology https://t.co/3rmraOW2lv
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) November 18, 2020
इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब 14 नवंबर को फेसबुक पोस्ट पर रूपा ने बैन को लेकर अपने विचार व्यक्त किए. अपने पोस्ट में उन्होंने बैन के पक्ष में दलील दी और कहा, ‘…पटाखों में हिंदू होने को लेकर कुछ नहीं है.’
जब इस पोस्ट को उन्होंने ट्विटर पर शेयर किया तब हिंदू धर्म में पटाखों के महत्व को लेकर विवाद खड़ा हो गया. वो अपना पक्ष बार-बार रखती रहीं लेकिन कई दक्षिणपंथी यूजर्स ने उनसे ही सवाल किया कि क्या मस्जिद में लाउडस्पीकर्स और क्रिसमस में पेड़ को काटने पर सरकार बैन लगाएगी.
True Indology नाम के यूजर ने भी उनसे सवाल किए. 2 लाख फोलोअर्स वाले इस अकाउंट ने दावा किया कि पटाखों का इस्तेमाल हिंदू परंपरा से जुड़ा है और पुराने ग्रंथों में इसका उल्लेख है.
रूपा ने इस बयान को लेकर बहस शुरू की और पूछा कि अगर ये पुरानी परंपरा है तो वो इसका ब्योरा दें. इस बहस के कारण कई यूजर्स ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया और उन्हें धमकियां भी मिलने लगी.
दोनों के बीच हुई लंबी बहस के बाद ट्विटर ने True Indology के हैंडल को सस्पेंड कर दिया. इंस्टाग्राम पोस्ट में यूजर ने दावा किया कि अपने एक ट्वीट में रूपा ने उसे कहा था कि ‘ट्रू इंडोलॉजी तुम्हारा टाइम गया’.
दिप्रिंट ने रूपा से संपर्क किया लेकिन उन्होंने कुछ कहने से मना कर दिया.
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क्या कहा था रूपा ने
डी रूपा मुद्गिल वर्तमान में कर्नाटक की गृह सचिव हैं. आईपीएस अधिकारी 2017 में उस वक्त लाइमलाइट में आईं थी जब एआईएडीएमके (अम्मा) की नेता वीके शशिकला को जेल में मिल रहे स्पेशल ट्रीटमेंट को उजागर किया था.
जिस पोस्ट को लेकर विवाद हो रहा है उसमें रूपा ने लिखा है, ‘कोविड को देखते हुए सिर्फ इस साल के लिए बेंगलुरू में पटाखों पर बैन लगाया जा रहा है. हम क्यों नहीं एक साल खुद को रोक सकते हैं? क्या हम इतने खोखले हैं कि हमारी खुशी केवल पटाखों पर ही निर्भर है?’
‘दीपावली मनाने के कई तरीके हैं. दिये जलाइए, लोगों से मिलिए, मिठाईयां खाइए…लेकिन नहीं, लोगों को केवल पटाखे चाहिए. कितना अतार्किक है ये!’
इसी बात को लेकर दक्षिणपंथी यूजर्स ने ‘हिंदू परंपरा’ के नाम पर सवाल पूछने शुरू कर दिए और यह भी पूछने लगे कि क्या वो दूसरे धर्मों के रिवाजों पर भी ऐसे बोलेंगी.
आईपीएस अधिकारी के नज़दीकी सूत्र के मुताबिक, ‘इस तरह के नकली बुद्धिजीवी जो ज्ञान के नाम पर झूठ और सांप्रदायिक तनाव फैलाते हैं उन्हें बैन किया जाना चाहिए.’
सूत्र ने कहा कि रूपा पूरी तरह से ‘लोकतांत्रिक तरीके से बहस कर रही थीं और उनका इरादा सही था.’
सूत्र ने कहा, ‘कई सारे हैंडल जो उन्हें ट्रोल कर रहे थे, उनके पास अपने दावों को साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य तक नहीं है, जिसमें कहा गया कि पटाखे जलाने का जिक्र पुराने ग्रंथों में है.’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी भी सोशल मीडिया पर हो रहे विवाद में कूदे, उन्होंने कहा कि ‘काम के दौरान’ अनाम ट्विटर हैंडल से बहस करना आईपीएस अधिकारियों के लिए ‘ठीक’ नहीं.
Doesn't befit IPS officers of the country to be arguing with anonymous Twitter Handles that too during working hours. Make a point, let it go, you aren't winning anything by arguing on SM!
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) November 18, 2020
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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