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Friday, 22 November, 2024
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सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकार पहुंचे शाहीन बाग, मीडिया के सामने बातचीत करने से किया मना

वार्ताकारों ने मीडिया के सामने बात करने से इंकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों से बातचीत के बाद हम मीडिया से मुखातिब होंगे.

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नई दिल्ली: दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले दो महीने से भी ज्यादा से चल रहे सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन पहुंचे हैं. हेगड़े ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमें आपसे बात करने के लिए नियुक्त किया है. हम आपसे बात करने आए हैं.

वार्ताकारों ने मीडिया के सामने बात करने से इंकार कर दिया है. उनका कहना है कि बातचीत के बाद हम मीडिया से मुखातिब होंगे. हेगड़े ने कहा कि हम तभी बात कर पाएंगे जब मीडिया यहां से बाहर जाएगी.

हेगड़े ने शाहीन बाग में सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी पढ़कर सुनाया. उन्होंने कहा कि हम आपसे यहां बात करने आए हैं. हमें सुप्रीम कोर्ट ने भेजा है.

वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शकारियों को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने आपके आंदोलन को आपका अधिकार बताया है. लेकिन आप की ही तरह और भी काफी लोग हैं जिनके अपने हक हैं. जैसे बच्चों, डॉक्टरों के अपने-अपने हक हैं. किसी और का हक प्रभावित नहीं होना चाहिए.

रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से कहा, ‘आइए पूरे विश्व के लिए एक उदाहरण पेश करें.’ उन्होंने कहा कि कोर्ट ने हमें ये बताने के लिए भेजा है कि बातचीत करके हम एक रास्ता निकाल सकें.

प्रदर्शनकारियों से बातचीत से पहले उन्होंने मीडिया से कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि अच्छी बातचीत रहेगी, हम सब नागरिक हैं एक दूसरे की बात सुनना जरूरी है और सुप्रीम कोर्ट भी यही चाहता है.’

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में लंबे समय से चल रहे इस प्रदर्शन को हटाए जाने के लिए एक याचिका दायर की गई थी. जिसकी सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने प्रदर्शकारियों से बातचीत करने के लिए वार्ताकार नियुक्त किए हैं.

कोर्ट में दायर की गई याचिका में प्रदर्शन वाली जगह को खाली कराने की मांग की गई थी. कहा गया था कि प्रदर्शन की वजह से लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाया था और प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए तीन सदस्यीय वार्ताकार नियुक्त किया था.

वार्ताकारों में संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और देश के पहले अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्लाह शामिल हैं.

प्रदर्शनकारी केंद्र सरकार द्वारा दिसंबर में पारित कराए गए नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये कानून धार्मिक तौर पर मुस्लिमों से भेदभाव करता है जो संविधान के खिलाफ है.

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