नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) राजाधानी और एनसीआर क्षेत्र में पटाखे चलाने पर लगे पूर्ण प्रतिबंध को दिवाली के कुछ दिनों तक हटाये जाने की अपील करते हुए सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में एक अनूठी दलील पेश करते हुये प्रधान न्यायाधीश से कहा कि वह अपने भीतर बैठे एक बच्चे के माध्यम से उनके भीतर बैठे बच्चे से इसके लिए अपील कर रहे हैं।
सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय की तरफ से कहा गया कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखे चलाने पर पूर्णत: प्रतिबंध ‘न तो व्यावहारिक है और न ही आदर्श’ स्थिति है क्योंकि इस प्रकार के निषेधों का प्राय: उल्लंघन होता है और सभी पक्षों के बीच संतुलन कायम करना चाहिए।
प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ के समक्ष दिल्ली एवं एनसीआर राज्यों की ओर से दलील देते हुए मेहता ने कहा कि दिवाली तथ अन्य त्योहारों पर बच्चों को समय सीमा के किसी प्रतिबंध के बिना पटाखे चलाने की छूट मिलनी चाहिए।
मेहता ने कहा, ‘‘बच्चों को दो दिन जश्न मनाने दीजिए। यह केवल दिवाली, गुरुपरब, बड़े दिन के लिए है।’’
उन्होंने अनुरोध किया, ‘‘मेरे भीतर का बच्चा आपके (न्यायाधीशों) के भीतर बैठे बच्चे को मनाने की कोशिश कर रहा है और कुछ दिनों के लिए कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।’’
प्रतिबंध में छूट देने का संकेत देते हुए प्रधान न्यायाधीश गवई ने कहा कि सभी पक्षों के बीच संतुलन की जरूरत है तथा इस प्रकार के प्रतिबंध ‘न तो व्यावहारिक हैं और न ही आदर्श’ स्थिति है।
पीठ ने दिल्ली एवं एनसीआर क्षेत्र में हरित पटाखों के निर्माण और बिक्री के अनुरोध वाली याचिकाओं पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया।
भाषा
माधव रंजन
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