नई दिल्ली: कोरोनावायरस महामारी के कारण सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में जारी गिरावट अगस्त में कुछ थमी, लेकिन यह अभी भी संकुचन की अवस्था में बनी हुई है.
एक मासिक सर्वेक्षण ने गुरुवार को बताया कि महामारी के चलते प्रतिबंधों ने ग्राहकों की मांग और कारोबार के संचालन पर प्रतिकूल असर डाला है.
मौसमी रूप से समायोजित ‘भारत सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक’ अगस्त में बढ़कर 41.8 पर पहुंच गया. यह सूचकांक जुलाई में 34.2 था. यह मार्च में कोरोनावायरस महामारी के फैलाव के बाद सबसे अधिक है.
हालांकि, भारत में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में अगस्त के दौरान लगातार छठे महीने संकुचन देखने को मिला.
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आईएचएस मार्किट इंडिया के सर्विस पर्चेसिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) के मुताबिक 50 से अधिक अंक का अर्थ है कि गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है, जबकि 50 से कम अंक कमी या संकुचन को दर्शाता है.
आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री श्रीया पटेल ने कहा कि अगस्त के आंकड़े भारतीय सेवा क्षेत्र में चुनौतीपूर्ण स्थितियों को दर्शाते हैं. घरेलू और विदेशी बाजारों में लॉकडाउन के प्रतिबंधों का इन गतिविधियों पर भारी असर पड़ा है.
सर्वेक्षण के मुताबिक कंपनियों ने कम व्यावसायिक गतिविधियों के कारण लगातार छठे महीने छंटनी की सूचना दी है.