श्रीनगर: पाकिस्तान समर्थक अलगावादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को बुधवार और गुरुवार की मध्यरात्रि को यहां सुपुर्द-ए-खाक किया गया. कश्मीर में व्यापक पैमाने पर मोबाइल संपर्क सेवा बंद किए जाने के साथ ही कड़ी सुरक्षा और पाबंदियों के बीच उनका अंतिम संस्कार किया गया.
उनके करीबी सहयोगियों ने बताया कि गिलानी को उनकी इच्छा के अनुसार उनके आवास के पास स्थित एक मस्जिद में दफनाया गया. हालांकि, उनके बेटे नईम ने बताया कि वे उन्हें श्रीनगर में ईदगाह में दफनाना चाहते थे .
जम्मू-कश्मीर में करीब तीन दशकों तक अलगाववादी मुहिम का नेतृत्व करने वाले गिलानी (91) का लंबी बीमारी के बाद श्रीनगर के बाहरी इलाके में हैदरपुरा में उनके आवास पर बुधवार रात को निधन हो गया.
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उनके परिवार से एहतियाती कदम के तौर पर रात को उन्हें सुपुर्द-ए-खाक करने को कहा गया था क्योंकि खुफिया जानकारियों के अनुसार कुछ राष्ट्र विरोधी तत्व कश्मीर घाटी में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने के लिए इस मौके का इस्तेमाल कर सकते हैं.
अधिकारियों ने बताया कि प्राधिकारियों ने भारी पुलिस सुरक्षा के बीच मस्जिद के कब्रिस्तान में रीति-रिवाजों के अनुसार गिलानी को दफनाया. गिलानी ने हैदरपुरा में स्थित मस्जिद में सुपुर्द-ए-खाक करने की इच्छा जतायी थी.
घाटी में लोगों को एकत्रित होने से रोकने के लिए कड़ी पाबंदियां लागू की गयी और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया.
अफवाहों तथा फर्जी खबरों को फैलने से रोकने के लिए एहतियातन तौर पर बीएसएनएल की पोस्ट पेड सेवा को छोड़कर अन्य मोबाइल फोन सेवाएं और इंटरनेट बंद कर दिए गए. विभिन्न स्थानों पर अवरोधक लगाए गए और सभी वाहनों की गहन तलाशी ली गयी.
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